नई दिल्ली: अगर आप भी राशनकार्ड धारक हैं और सरकार की तरफ से संचालित मुफ्त राशन योजना का फायदा लेते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, सरकार की तरफ से राशन कार्ड धारकों को बड़ी सौगात दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने पौष्टिक तत्वों से भरपूर चावल की फ्री सप्लाई जारी रखने का फैसला किया है. खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत 17,082 करोड़ रुपये के खर्च से साल 2028 तक इसे जारी रखने का फैसला किया गया.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में लिया गया फैसला
पौष्टिक तत्वों से भरपूर यानी फोर्टिफाइड चावल लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए अहम माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने के प्रोसेस में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) की तरफ से तय स्टैंडर्ड के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12) से भरपूर ‘फोर्टिफाइड’ चावल कर्नेल (FRK) को नियमित चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाया जाता है.
फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी
आधिकारिक बयान के अनुसार कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में लिये गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि फ्री फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई के लिए कुल बजट 17,082 करोड़ रुपये होगा. इस पूरे खर्च को केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा. बयान के अनुसार, चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की पहल केंद्रीय क्षेत्र की पहल के रूप में जारी रहेगी.
आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पोषण सुरक्षा की जरूरत बताई थी. सरकार ने कहा कि ‘लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), पीएम पोषण के जरिये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति’ की पहल की गई है. अप्रैल, 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मार्च, 2024 तक चरणबद्ध तरीके से देशभर में चावल पौष्टीकरण पहल को लागू करने का फैसला लिया था.
तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और मार्च, 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में पोषक तत्वों से भरपूर चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. सरकार ने बयान में कहा, ‘साल 2019 और 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-5) के अनुसार, भारत में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तर के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित कर रही है.’