देहरादून. राजधानी देहरादून में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां अधिकारी बनकर कई लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से फ्रॉड किए गए हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए उत्तराखंड पुलिस लगातार अभियान चला रही है और इसी के साथ ही टिप्स भी दे रही है कि किस तरीके से ऐसी स्तिथि से निकला जाए और फेक आईडी स्कैम से बचा जा सके. सूचना क्रांति के इस युग में इंटरनेट एक टूल के रूप में काम कर रहा है तो वहीं कई तरह से ठग भी तरह – तरह से ठगी को अंजाम देने का काम कर रहे हैं.उत्तराखंड समेत देश में कई ऐसे ठगी के मामले सामने आ चुके हैं जहां बड़े अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक के फेक अकाउंट बनाकर या तो पैसे मांगे गए हैं या फिर कई तरह की ठगी कर लोगों को शिकार बनाया गया है.
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि इन दिनों साइबर क्राइम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. साइबर अपराधी किसी भी प्रसिद्ध अधिकारी या राजनेता के नाम की आईडी बनाकर फेक आईडी स्कीम को अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस तरह के कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जिसमें अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर उनकी प्रोफाइल पिक्चर का इस्तेमाल करके लोगों से पैसों की मांग की जाती है.
उत्तराखंड पुलिस ने चलाया जगारुकता अभियान
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि लोग इस तरह की ठगी का शिकार ना हो इसलिए उत्तराखंड पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. उन्होंने बताया कि फेक आईडी स्कैम्स बचने के लिए सबसे पहले उस आईडी की पहचान करने जरूरी है कि वह आईडी सही है या नहीं इसके लिए आप आधिकारिक वेबसाइट और अपनी सूझबूझ से इन अकाउंट्स का मिलान करें.
उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी किसी से भी पैसे की मांग नहीं करेगा. आप उस आईडी में देखें उसकी फॉलोअर्स, पोस्ट और फ्रेंड्स की संख्या काफी कम होगी इससे आप समझ सकते हैं कि यह एक फेक अकाउंट है. उन्होंने बताया कि इन अकाउंट्स को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो यह एक्टिव ज्यादा नहीं रहते हैं. यह कभी-कभी एक्टिव नजर आते हैं और फिर 10-15 दिन के लिए फिर बंद हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि अगर आपके साथ फेक आईडी स्कैम हो जाता है तो आप साइबर क्राइम की नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर उसकी रिपोर्ट करें.
फेक आईडी से बचने के लिए सावधानी पूर्वक यूज करें ऐप
वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने बताया कि उनके साथ भी कुछ दिनों पहले ऐसी ही घटना हुई. उनके एक दोस्त के नाम की फेक आईडी बनाकर उनसे इलाज के नाम पर 30 हजार रुपये की मांग की गई. इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त को तुरंत फोन लगाया जिससे पता चला कि फेक आईडी से उनके साथ स्कैम करने की कोशिश की गई.
त्रिलोचन भट्ट का कहना है कि इस तरह के फेक आईडी स्कैम से बचने के लिए आप सावधानीपूर्वक फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर आदि का प्रयोग करें. अगर किसी पर सन्देह भी होता है तो उसे तुरंत रिपोर्ट कर दें. हर प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करने का ऑप्शन दिया गया है.