रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती कराने और युक्तियुक्तकरण को निरस्त करने समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशिक्षित डीएड-बीएड व छत्तीसगढ़ी पीजी डिप्लोमा धारी संघ का आंदोलन जारी है. छत्तीसगढ़ी पीजी डिप्लोमा धारी संघ के प्रदेश संरक्षक श्री गजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि प्रदेश में 33000 शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर 21 सितंबर 2024 को सांकेतिक आंदोलन किया गया था और 22 सितंबर 2024 से संघ के पदाधिकारी और सभी सदस्य आमरण अनशन पर बैठे है। अपनी मांगों को लेकर 13 दिन से आमरण अनशन पर बैठे संघ के लोगों की सेहत दिन ब दिन बिगडती जा रही है। संघ के दो साथी हेमंत कुमार और सुनील पटेल अभी भी अन्न और जल का त्याग किये हुए है।
प्रदेश संरक्षक श्री गजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है, शिक्षा व्यवस्था पूरे प्रदेश में हाल-बेहाल है और सरकार इस समस्या का निराकरण करने के बजे शिक्षक भर्ती को लेकर चुप्पी साधे हुए है। भारत में छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था तीसरे पायदान में चला गया। विधानसभा में 33000 शिक्षक भर्ती की घोषणा भी की गई थी लेकिन सरकार के मंत्री ओपी चौधरी कहते हैं हमारे पास बजट नही है जबकि शिक्षा बजट 21489 करोड़ का है और शिक्षक भर्ती में मात्र 1600 करोड़ का खर्च आएगा। इस लिहाज से देखे तो बजट की कोई कमी नही है, सरकार जानबूझकर बहाना बना रही है।
प्रदेश संरक्षक श्री गजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि डीएड-बीएड व छत्तीसगढ़ी पीजी डिप्लोमा धारी संघ 13 अक्टूबर 2024 को पुनः धरना देंगे और 12 घंटे के अंतर्गत यदि सरकार की तरफ से कोई पहल नही होता है तो साय सरकार को अल्टीमेटम देते हुए नेशनल हाईवे को चक्का जाम करेंगे, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी सरकार की होगी।