राजेश शर्मा
पेट्रोलियम पदार्थों के दाम आसमान को छू चुके हैं क्या पेट्रोल, क्या डीजल और क्या घरेलू गैस सिलेंडर? अब वो दिन दूर नहीं जब गैस सिलेंडर के भाव चार अंकों में पहुँच जाएँगे l
लेकिन फिर भी घर का मुखिया यानि सखी सैयाँ बंधी हुई आय होने के बाद भी अपनी सखी को लकड़ी का चूल्हा नहीं जलाने देगा ।
पेट्रोल चलित दो पहिया वाहन भी इतने अधिक मात्रा में चल रहे हैं कि उनके पहिये थम नहीं सकते, किसी भी कीमत पर नहीं। देसी घी की बात तो दूर अब खाद्य तेल भी निम्न आय वर्ग वालों से दूर हो जाएगा। क्या निम्न आय वर्ग वाली गृहिणियाँ पानी में सब्जी बघारेगी?
खाद्यान्नों के दाम, सब्जियों के दाम और मसालों के दामों में लगातार वृद्धि होती जा रही है।
यातायात के साधन महंगे होते जा रहे हैं l मिठाई और सूखे मेवे के चित्र देख कर निर्धन बच्चे ठंडी आहें भरेंगे। शिक्षा के मंदिर तो पहले ही शिक्षा की दुकानों में परिवर्तित हो चुके हैं। रोटी, कपड़ा और मकान अब सपना बनता जा रहा है।
आखिर में सखी सैयाँ तो खूब नहीं कमात है ।
लेकिन महंगाई डायन खाय जात है।