नई दिल्ली : आम तौर पर किसी की भी जान लेने के बाद कातिल उसकी लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश करते हैं. ताकि ना तो मारे गए इंसान की लाश बरामद हो और ना ही कत्ल के मामले का खुलासा हो. लेकिन दिल्ली पुलिस के शिकंजे में आए कुछ ऐसे शातिर दिमाग लोगों पर जो इल्जाम है, उसे सुन कर कोई भी चौंक जाएगा. जी हां, इन लोगों ने पहले एक महिला का क़त्ल किया. फिर उसकी लाश को लेकर कब्रिस्तान पहुंचे. उसके बाद महिला के नाम की कब्र खुदवाई और तब आखिर में खुद अपने हाथों से पूरे इज्जत-ओ-एहतराम के साथ उस महिला की लाश दफ्ना दी.
है ना अजीब बात?
आप तो क्या, जब राजधानी दिल्ली में हुए एक महिला के कत्ल की ये अनोखी कहानी पहली बार पुलिसवालों को पता चली, तो वो भी सच्चाई जानकर हैरत में पड़ गए. असल में ये इन शातिर दिमाग कातिलों का वो कदम था, जिसने कुछ देर के लिए ही सही पुलिसवालों को भी उलझा दिया था.
2 जनवरी 2023, मंगोलपुरी, दिल्ली
नए साल के दूसरे ही दिन मंगोलपुरी थाना इलाके के अवंतिका एनक्लेव में रहनेवाली 54 साल की महिला मीना वधावन अचानक अपने घर से गायब हो गईं. वो दोपहर के वक्त किसी काम से बाहर गई थी. लेकिन इसके बाद वो ना तो लौट कर घर आईं और ना ही उन्होंने घर में किसी से कोई बात की. ऊपर से उनका मोबाइल फोन भी रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो गया. ऐसे में मीना के घरवालों ने थाने में उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई.
पुलिस ने ली इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद
मीना की गुमशुदगी से पुलिस भी हैरान थी. चूंकि उन्हें घर में किसी से कोई परेशानी नहीं थी तो घर में बगैर किसी को कुछ बताए उनके कहीं चले जाने की कोई वजह नहीं थी और अगर उनका अपहरण हुआ था, तो फिर उसकी कोई वजह होनी चाहिए थी. मामला फिरौती का होता, तो उन्हें अगवा करनेवाले घरवालों से संपर्क साधने की कोशिश करते. लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं था. अब पुलिस ने मामले की तफ्तीश के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का सहारा लेने का फैसला किया.
सीडीआर और सीसीटीवी से मिला सुराग
पुलिस ने सबसे पहले मीना के मोबाइल फोन की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई. सीडीआर में पुलिस को एक चौंकानेवाली बात नजर आई. पुलिस ने देखा कि आखिरी बार मीना की जिन दो फोन नंबरों पर बात हुई थी, मीना के फोन की आखिरी लोकेशन पर उन दो फोन नंबरों वाले लोग भी उनके साथ मौजूद थे. यानी मीना के गायब होने से पहले उनकी जिनसे बात हुई, वही लोग उनकी गुमशुदगी के वक्त भी उनके साथ थे. पुलिस को जांच में मीना के कुछ सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगे.
मोबिन ने खोला कत्ल का राज
अब पुलिस ने एक-एक कर मोबिन और नवीन नाम के दो लोगों को हिरासत में लिया. ये मंगोलपुरी इलाके में ही रहकर ऑटो चलाते थे और रेहड़ी पटरी पर छोटा मोटा कारोबार करते थे. पूछताछ में मोबिन ने मीना को जानने की बात तो कही, लेकिन उनकी गुमशुदगी से खुद को अंजान बताया. लेकिन जब पुलिस ने नवीन से पूछताछ की, तो वो पुलिस के सामने टूट गया.
कब्रिस्तान में दफनाई मीना की लाश
उसने बता दिया कि मीना अब इस दुनिया में नहीं है, बल्कि उसी ने मोबिन और रेहान नाम के एक और शख्स के साथ मिलकर मोबिन के मकान में मीना का कत्ल किया है. लेकिन नवीन ने कत्ल की बात कबूल कर पुलिस को जितना हैरान किया, कत्ल के बाद खुद अपने हाथों से मीना की लाश दफना देने की बात कह उसे और चौंका दिया. नवीन ने बताया कि जिस रात उन्होंने मीना का कत्ल किया, उसी रात उन तीनों ने मिलकर मीना की लाश पास के मुस्लिम कब्रिस्तान में दफ्ना दिया था.
गला घोंट कर किया था मीना का कत्ल
मोबिन, नवीन, रेहान ये सारे लोग मीना को पहले से जानते थे. 2 जनवरी की रात मोबिन और नवीन ने मीना को धोखे से मांगेराम पार्क इलाके में मौजूद मोबिन के मकान में बुलाया और फिर रेहान के साथ मिलकर उन्होंने मीना की गला घोंट कर हत्या कर दी. इसके बाद किसी को शक ना हो, इसलिए खुद अपने हाथों से लाश का अंतिम संस्कार करने निकल पड़े. तीनों ने एक ऑटो पर लाश को लादा और सीधे मंगोलपुरी के मुस्लिम कब्रिस्तान पहुंचे. वहां उन्होंने कब्रिस्तान के केयर टेकर को 5 हजार रुपयों का लालच दिया और बिना बही खाते में एंट्री किए ही महिला की लाश दफ्नाने की इजाजत देने को राजी कर लिया और फिर चारों ने मिल कर रातों-रात कब्र खोदी और मीना की लाश दफ्ना कर अपने-अपने घर वापस चले गए.
आरोपियों ने कबूला जुर्म
आउटर दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र सिंह के मुताबिक, जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो चारों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया, फिर उनकी निशानदेही पर पुलिस ने कब्रिस्तान में दफ्न मीना वधावन की सड़ी गली लाश बरामद कर ली. पुलिस ने लाश को खुदवा कर पहले पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और फिर उसे अंतिम संस्कार के लिए घरवालों के हवाले कर दिया.
तीन आरोपियों संग था मीना का विवाद
अब सवाल ये कि आखिर इन तीनों ने मिल कर महिला की हत्या क्यों की और लाश कब्रिस्तान में क्यों दफनाई? तो पुलिस की मानें तो मीना अपने घर से ही छोटे-मोटे फाइनेंस का काम करती थी. वो रेहड़ी पटरी वालों और छोटा-मोटा काम धंधा करनेवाले लोगों को उधार रुपये दिया करती थी. और इन लोगों के साथ रुपये पैसों की लेन-देन को लेकर ही उनका विवाद चल रहा था. मोबिन, नवीन, रेहान ने रुपये लिए थे और वापस नहीं चुका पा रहे थे. जबकि मीना अपने पैसों के लिए उन पर लगातार दबाव बना रही थी.
जांच में खुल गया सारा भेद
आरोपियों ने मुसीबत से बचने के लिए मीना का कत्ल तो कर दिया, लेकिन कत्ल के बाद लाश मुसीबत बन गई और तब उन्होंने कब्रिस्तान के केयर टेकर को झांसे में लेने का फैसला किया. उन्होंने केयर टेकर को रुपयों का लालच देकर वहां लाश दफ्नाने को इसलिए ठीक समझा, क्योंकि इससे लाश बरामद होने का खतरा भी खत्म हो जाता और किसी को मीना के कत्ल का पता भी नहीं चलता, लेकिन पुलिस की जांच में सारा मामला खुल गया. तफ्तीश के दौरान मीना से आरोपियों का संपर्क में होने की बात ने सारा भेद खोलकर रख दिया.