नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को लोकसभा में आम बजट पेश किया। इस बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा आवंटन किया गया है, जो भारत की सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बार कुल 6.8 लाख करोड़ रुपये रक्षा बजट के रूप में निर्धारित किए गए हैं, जो अनुमानित जीडीपी का 1.91% है।
रक्षा बजट 2025 में क्या-क्या शामिल है?
भारत का कुल रक्षा बजट: 6.81 लाख करोड़ रुपये (पिछले वर्ष की तुलना में 9.53% की वृद्धि)।
कैपिटल बजट: 1.8 लाख करोड़ रुपये, जिसका उपयोग नए हथियार, युद्धपोत, लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा।
घरेलू रक्षा उद्योग: 1.12 लाख करोड़ रुपये, जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा पेंशन: 14% की वृद्धि के साथ इसे और अधिक सशक्त बनाया गया है।
ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme): 8,317 करोड़ रुपये आवंटित।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास (DRDO): 12% की बढ़ोतरी, जिससे नई तकनीकों और सैन्य नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय तटरक्षक (ICG): 43% की वृद्धि के साथ कैपिटल बजट में महत्वपूर्ण इजाफा।
सीमा सड़क संगठन (BRO): 7,146 करोड़ रुपये आवंटित, जिससे सीमा क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा मजबूत किया जाएगा।
पिछले साल की तुलना में कितना बढ़ा बजट?
2024 में रक्षा मंत्रालय को 6.21 लाख करोड़ रुपये मिले थे, जो कि 2023-24 के 5.94 लाख करोड़ रुपये से 4.79% अधिक था। इस बार 60 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।
दुनिया के अन्य देशों का रक्षा बजट
अमेरिका: 895 अरब अमेरिकी डॉलर (दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा बजट)।
चीन: 225 अरब अमेरिकी डॉलर (2024 का अनुमान)।
पाकिस्तान: 1.8 लाख करोड़ रुपये, जो उसकी जीडीपी का 1.7% है।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह बजट?
बढ़ा हुआ रक्षा बजट सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और अनुसंधान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को गति मिलेगी और देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूती मिलेगी।
2025 केंद्रीय बजट: रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा, आर्थिक विकास और कृषि सुधारों पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि पिछले वर्ष के 6.2 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है, जो सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस बजट में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रक्षा क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन
बजट में 4.88 लाख करोड़ रुपये राजस्व व्यय के लिए रखे गए हैं, जिससे रक्षा बलों के वेतन, रखरखाव और परिचालन लागत को कवर किया जाएगा। वहीं, 1.92 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में तय किए गए हैं, जो आधुनिक हथियारों की खरीद, सैन्य आधारभूत ढांचे के विकास और अन्य रणनीतिक सुधारों में मदद करेगा।
रक्षा पेंशन के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगा। वायुसेना के लिए 48,614 करोड़ रुपये, नौसेना के बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये, और अन्य रक्षा उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।