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Home राज्य

भ्रष्टाचार और राजद्रोह के आरोप पर IPS अधिकारी की CBI जांच डिमांड!

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
22/04/23
in राज्य, समाचार
भ्रष्टाचार और राजद्रोह के आरोप पर IPS अधिकारी की CBI जांच डिमांड!

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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक निलंबित आईपीएस अधिकारी द्वारा अपने खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों के मामले में जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र, छत्तीसगढ़ सरकार और अन्य से जवाब मांगा है।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1994 बैच के अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्हें परेशान करने और उनकी छवि खराब करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने राज्य के कई उच्चस्तरीय अधिकारियों को ‘गैरकानूनी तरीके से लाभ’ पहुंचाने और ‘नागरिक आपूर्ति निगम’ घोटाले में पूर्ववर्ती सरकार के सदस्यों को फंसाने से इनकार कर दिया था।

IPS अधिकारी ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के 19 सितंबर, 2022 के आदेश को भी रद्द करने की मांग की। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए अमानुल्ला की पीठ ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी कर प्रतिवादियों केंद्र, छत्तीसगढ़ सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा। पीठ ने कहा कि जवाब चार सप्ताह के अंदर दाखिल किया जाना चाहिए। इसके बाद पीठ ने मामले में सुनवाई आठ सप्ताह के बाद निर्धारित की।

सुनवाई के दौरान अधिकारी की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं। जिनमें से एक भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत और एक अन्य राजद्रोह के तहत दर्ज की गई हैं। पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ”इतनी जल्दी …राजद्रोह। यह कुछ ज्यादा हो गया।”

वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता सुमीर सोढी ने याचिकाकर्ता के आरोपों को गलत बताया। पीठ ने रोहतगी से कहा, ”वह (याचिकाकर्ता) अपना पक्ष रख रहे हैं, गलत हो या सही, कि उन्हें प्रताड़ित किया गया। आप अपना जवाब दीजिए।” कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

 

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