नई दिल्ली। डेंगू वायरस ने अपना नेचर बदल लिया है। डेंगू पीड़ित मरीजों में नए लक्षण सामने आ रहे हैं। किडनी में इंफेक्शन के साथ बुखार नए मरीजों में देखने को मिल रहा है। जबकि डेंगू के सामान्यत: लक्षण हल्का या तेज बुखार, जी मिचलाना, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, ग्रंथियों में सूजन, पेट दर्द, आंखों में दर्द हैं, लेकिन अभी जो केस सामने आ रहे हैं उनमें इस तरह के लक्षण नहीं है।
यह कहना है कि गजराराजा मेडिकल काॅलेज के मेडिसिन विशेषज्ञ डाॅ.अजयपाल सिंह का। डाॅ. पाल कहते हैं कि डेंगू के केस अभी कम हैं, लेकिन नेचर में बदलाव आया है। इसलिए अब तक मिले डेंगू पीड़ित नए लक्षण के साथ ही भर्ती हो रहे हैं। जनवरी से लेकर अब तक 124 केस मिले हैं।
इनमें छह केस इस सीजन के हैं। गजराराजा मेडिकल काॅलेज और जिला अस्पताल में डेंगू की जांच की जा रही हैं। जांच के लिए हर रोज सैंपल पहुंच रहे हैं। मंगलवार को 25 सैंपल जांच के लिए पहुंचे, लेकिन पाजिटिव केस नहीं मिला। जिससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली। हालांकि डेंगू के नेचर में बदलाव को लेकर चिकित्सक चितिंत हैं।
क्या हैं बदले हुए लक्षण?
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स गिरना आम बात है, लेकिन नए वेरिएंट के प्रभाव से प्लेटलेट्स गिरने के साथ किडनी में इंफेक्शन, पीलिया बढ़ रहा है। ऐसे में हालात गंभीर हो सकते हैं। इन लक्षण के साथ आने वाले मरीजों की जब डेंगू की जांच कराई जा रही है तो पाॅजिटिव निकल रही है।
मानसून में डेंगू से बचाव की जरूरत
इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों की ब्रीडिंग को रोकना काफी जरूरी है। मानसून में मच्छरों का आतंक बढ़ने लगता है। इसके पीछे की वजह जगह-जगह वर्षा की वजह से पानी एकत्रित होना और मौसम में बदलाव आना। इसलिए एक जगह जमा हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है। इसलिए इस मौसम में मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियां, जैसे डेंगू होने का रिस्क काफी ज्यादा रहता है। शहर में डेंगू के मामले पाजिटिव केस मिल रहे हैं।