नई दिल्ली: ‘मंज़िल मजबूर हो मिलने को आपसे, आप कोशिश इतनी शिद्दत से करिए’, यह बात एकदम सटीक बैठती है भारतीय टीम पर. टीम पिछले एक दशक से लगातार ICC ट्रॉफी जीतने की कोशिश में जुटी थी. इस दौरान उसने 5 बार फाइनल खेला, मगर उसे हार मिली. जबकि 4 बार सेमीफाइनल खेला.
मगर रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम की तरफ से इस बार ऐसी शिद्दत से कोशिश हुई कि खिताब हाथ आ ही गया. भारतीय टीम ने पिछले ही महीने यानी जून में टी20 वर्ल्ड कप 2024 खिताब जीतकर इतिहास रचा है. ट्रॉफी जीतने के बाद कप्तान रोहित काफी भावुक दिखे.
रोहित ने फाइनल जीतने के बाद बारबाडोस स्टेडियम की मिट्टी को खाया. इस जीत की खुशी उनकी आंखों में साफ झलक रही थी. दूसरी ओर विराट कोहली थे, जिनकी आंखें खुशी के आंसुओं से भीगी नजर आईं. पूरी टीम ने मिलकर कोच राहुल द्रविड़ को हवा में उछाला और जमकर डांस किया. मैदान पर भांगड़ा से समां बांध दिया.
BCCI सचिव जय शाह भी टीम के जश्न में साथ रहे. उन्होंने टीम इंडिया के लिए बतौर इनाम राशि 125 करोड़ रुपये का ऐलान भी किया. 15 खिलाड़ी और राहुल द्रविड़ के हिस्से 5-5 करोड़ रुपये आए. हालांकि ये बात अलग है कि द्रविड़ ने दरियादिली दिखाते हुए सिर्फ 2.5 करोड़ ही लिए हैं.
मगर यहां देखने वाली बात ये भी है कि भारतीय टीम ने कोई पहली बार तो ICC ट्रॉफी या टी20 वर्ल्ड कप नहीं जीता है. उसने इससे पहले 5 ICC ट्रॉफी जीती हैं. इसमें 1983 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप, 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी शामिल है. 2002 में भी भारत ने श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी.
इस तरह भारतीय टीम ने इस बार अपनी छठी ICC ट्रॉफी और दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीता है. ऐसे में यह भी देखने वाली बात है कि जब इससे पहले 5 ICC ट्रॉफी जीत चुके हैं, तो इस बार यह छठे खिताब को जीतकर इतनी ज्यादा खुशी क्यों मनाई जा रही है. आखिर इस जीत में ऐसा क्या खास है कि पूरी टीम, भारतीय बोर्ड, स्टाफ और फैन्स इतने ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं. आइए इन सभी बातों को कुछ पॉइंट्स के जरिए समझते हैं…
IPL शुरू होने बाद पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता
टी20 वर्ल्ड कप का पहला सीजन 2007 में हुआ था. तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने खिताब पर कब्जा जमाया था. इसके अगले साल से यानी 2008 से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का आगाज हुआ. तब माना जा रहा था कि इस लीग का फायदा भारत को होगा और आगे चलकर टीम कई ज्यादा टी20 वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा जमाएगी.
मगर इसका असर नहीं दिखा. 2007 के बाद भारतीय टीम सिर्फ 2014 में ही फाइनल खेल सकी, जहां उसे श्रीलंका से हार झेलनी पड़ी. ऐसे में IPL और टीम की एप्रोच पर भी सवालिया निशान उठने लगे थे. भारतीय टीम कभी गेंदबाजी तो कभी फील्डिंग में कमजोर होती और ट्रॉफी गंवा देती. मगर इस बार बैटिंग के साथ बॉलिंग और फील्डिंग ने भी जलवा दिखाया और खिताब अपने नाम किया. इस तरह IPL शुरू होने बाद भारत का यह पहला टी20 वर्ल्ड कप खिताब रहा.
दूसरा टी20 वर्ल्ड कप जीतने में लगे 17 साल
यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि भारतीय टीम को अपना दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीतने में पूरे 17 साल लग गए हैं. इसको हमने ऊपर वाले पॉइंट में विस्तार से जाना है कि टीम ने पहला टी20 वर्ल्ड कप खिताब 2007 में जीता था. ऐसे में 17 साल बाद मिली यह जीत बेहद खास रही है.
10 ICC टूर्नामेंट्स के बाद पहली सफलता
पिछला एक दशक भारतीय टीम के लिए बेहद अनलकी रहा है. टीम ने 2013 में आखिरी ICC ट्रॉफी जीती थी. तब धोनी की कप्तानी में चैम्पियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी. 2013 में इंग्लैंड को उसी के होमग्राउंड पर फाइनल हराया और ट्रॉफी पर कब्जा किया था. इसके बाद से भारतीय टीम कोई भी ICC ट्रॉफी नहीं जीत सकी है.
भारतीय टीम ने 2013 के बाद से तीनों फॉर्मेट (वनडे, टेस्ट, टी20) के 4 ICC टूर्नामेंट में 2023 तक 10 बार हिस्सा लिया है. यह भारतीय टीम का 11वां ICC टूर्नामेंट है. भारतीय टीम पिछले 10 में से 9 बार ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट स्टेज में क्वालिफाई किया है. जबकि एक बार (टी20 वर्ल्ड कप 2021) ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा है.
IPL में कप्तानी से हटाए जाने के बाद रोहित की कप्तानी साख भी दांव पर थी
यह टी20 वर्ल्ड कप भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के लिए बेहद खास रहा है. उन्हें पिछले IPL 2024 सीजन में मुंबई इंडियंस की कप्तानी से हटा दिया गया था. जबकि रोहित ने अपनी कप्तानी में मुंबई को 5 बार खिताब जिताए हैं. ऐसे में उनकी कप्तानी की साख दांव पर लगी हुई थी. मगर उन्होंने यह टी20 वर्ल्ड कप जिताकर खुद को फिर से बेस्ट साबित किया. अब उनका नाम इतिहास में दर्ज जरूर हो गया है.
धोनी सबसे युवा और रोहित उम्रदराज कप्तान
37 साल के रोहित का नाम इतिहास में एक और कारण से दर्ज हुआ है. वो टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज कप्तान भी बन गए हैं. ऐसे में यह खिताब और भी खास हो जाता है, जब आपको पता लगे कि भारतीय टीम ने जब पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीता था, तब धोनी ने रिकॉर्ड दर्ज कराया था. तब धोनी टी20 वर्ल्ड कप खिताब दिलाने वाले सबसे युवा कप्तान थे. तब उनकी उम्र 26 साल थी.
कोहली और रोहित को ICC खिताब जिताकर ट्रिब्यूट करना
विराट कोहली इस बार 5 नवंबर को 36 साल के हो जाएंगे. जबकि रोहित शर्मा की उम्र 37 साल है. यह उनका आखिरी टी20 वर्ल्ड कप माना जा रहा था. क्योंकि अगला टी20 वर्ल्ड कप 2026 में होना है. ऐसे में यह खिताब इन दोनों के लिए बेहद खास रहा है. भारतीय टीम ने यह खिताब जीतकर रोहित और कोहली को ट्रिब्यूट किया है. खिताब जीतने के बाद रोहित और कोहली के अलावा ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया है. ऐसे में तीनों के लिए यह खिताब बेहतरीन ट्रिब्यूट रहा है.
20 टीमों के बीच खिताब जीतना बेहद खास रहा है
भारतीय टीम के लिए यह जीत इसीलिए भी खास है क्योंकि इस बार वर्ल्ड कप में टीमें बहुत ज्यादा थीं. इस बार 20 टीमें ने हिस्सा लिया था. साथ ही इस बार काफी उलटफेर हो रहे थे, लेकिन रोहित अडिग रहे. उन्होंने बिना कोई मैच हारे अजेय रहते हुए सीधे कप जीता है. इस बार अफगानिस्तान ने सभी को चौंकाते हुए न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश को हराकर बड़े उलटफेर किए थे.
लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट, रोहित ने जोरदार कप्तानी
पिछले साल हुए वनडे वर्ल्ड कप से लेकर अब तक रोहित की जोरदार कप्तानी देखने को मिल रही है. वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम बगैर मैच हारे फाइनल में पहुंची थी, जहां किस्मत खराब होने के कारण ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी. मगर इस बार रोहित ने फिर जोरदार कप्तानी का जलवा दिखाया और बगैर कोई मुकाबला हारे टीम को चैम्पियन बनाया.
इतना ही नहीं रोहित ने पूरे टूर्नामेंट में लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट यानी आगे रहकर कप्तानी में मोर्चा संभाला. उन्होंने कई बड़े मौकों पर कप्तानी पारी भी खेली. रोहित ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ एकतरफा जीत दिलाई. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 92 और ठीक अगले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 57 रनों की आतिशी पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी. ऐसे में यह खिताब रोहित के लिए ऐतिहासिक और यादगार रहा है.
सभी टीमों में खिलाड़ियों का स्तर लगभग बराबर हुआ
पहले टीमों के बीच बहुत ज्यादा अंतर होता था. इसका बड़ा कारण स्टार खिलाड़ी और उनका अनुभव हुआ करता था. मगर अब दुनियाभर में इतनी लीग हो रही हैं कि सभी खिलाड़ियों का स्तर लगभग बराबर हो गया है. अफगानिस्तान, नामीबिया, आयरलैंड, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसे देशों के खिलाड़ी IPL, CPL, BBL और PSL जैसी लीग में खेलकर अपने अनुभव को बढ़ाते हैं और उसे बड़ी टीमों के खिलाफ बड़े टूर्नामेंट्स में आजमाते हैं.
यही वजह भी रही कि इस बार टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अफगानिस्तान और अमेरिका जैसी टीमों ने धूम मचा रखी थी. अफगानिस्तान ने तो इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में एंट्री की थी. जबकि अमेरिका ने पाकिस्तान को हराकर सुपर-8 में जगह बनाई थी. इन सबके बीच में खिताब जीतना भारतीय टीम के लिए बहुत बड़ा अचीवमेंट है.
अफगानिस्तान बिना इंफ्रास्ट्रक्चर के सेमी में पहुंच गई
यह टी20 वर्ल्ड कप 2024 भारत के अलावा अफगानिस्तान टीम के लिए भी बेहद खास रहा है. राशिद खान की कप्तानी वाली अफगान टीम ने इतिहास में पहली बार किसी ICC वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में एंट्री की थी. अफगानी खिलाड़ियों ने बगैर इंफ्रास्ट्रक्चर यानी मूलभूत सुविधाओं के अपने खेल को बखूबी निखारा है.
अफगान टीम में कप्तान राशिद खान, विकेटकीपर बल्लेबाज रहमानुल्लाह गुरबाज, इब्राहिम जादरान, मोहम्मद नबी, गुलबदीन नायब, नवीन उल हक, नूर अहमद और फजलहक फारूकी जैसे स्टार प्लेयर हैं, जो किसी भी स्टार टीम को पलभर में धूल चटाने की ताकत रखते हैं. इन सभी ने अपने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के बावजूद IPL, CPL, BBL और PSL जैसी लीग में खेलकर अपने खेल को निखारा है. इसी के दम पर टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अफगानिस्तान ने न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश को शिकस्त दी.