आनंद अकेला
सिंगरौली (देवसर)। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रेमदीप सांकला की अदालत ने पुलिस में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोप में न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई।
अभियोजन अधिकारी आनंद कुमार कमलापुरी ने बताया कि दीनदयाल मिश्रा को उसके जीजा वीरेन्द्र कुमार पाठक ने अपने अस्पताल कालोनी में बने पीडब्लूडी के मकान में रूकने के लिये कहा और बोला कि जब तक वह नहीं आये, तब तक कमरे मे ही रहना। 14 मई 2013 को दीनदयाल मिश्रा शाम को झखरावल चला गया और जब वापस आया तो देखा कि घर के सामने का गुलाबा टूटा हुआ था व अंदर का सामान बिखरा पड़ा था। घर में रखी पेटियों के ताले खुले हुये थे और उसमें रखा सामान बिखरा हुआ था। सोने के आभूषण की अटैची भी नहीं थी। एक अटैची जिसमें जीजा के ठेकेदारी से सम्बन्धित कागज थे खुली हुई थी और कागजात गायब थे। साथ ही एक नग 12 बोर बंदूक थी वो भी गायब थी।
उक्त मामले को गढ़वा थाने ने पंजीबद्ध कर विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में पेश किया। जिसमें ज्ञात हुआ कि फरियादी दीनदयाल और वीरेन्द्र पाठक ने षड्यंत्र करके झूठी सूचना दर्ज कराई थी। न्यायालय द्वारा पूरे मामले में वीरेन्द्र कुमार पाठक को आरोपी बनाया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रेमदीप सांकला की अदालत ने अपराध क्र.-132/14 , थाना – जियावन धारान्तर्गत 177, 199, 193 भां.दं.वि. एवं धारा 25(1-बी)(ए),26(1) आयुध अधिनियम के अंतर्गत आरोपी वीरेन्द्र कुमार पाठक निवासी ग्राम ओड़नी, थाना – गढ़वा धारा-177 भा.दं.वि. के तहत 06 माह का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा – 199 भा.दं.वि. के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड , धारा-193 भा.दं.वि. के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 25(1-बी)(ए) के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 26(1) आयुध अधिनियम के तहत 01वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड से तथा अर्थदण्ड न जमा करने पर 07 दिवस के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया। मामले का संचालन करते हुये सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने मामले को प्रमाणित किया तब न्यायालय ने आरोपी को दंडित किया।