उत्तराखंड में चार धाम के दर्शन के लिए इस बार 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे. जोकि एक रिकॉर्ड है. इस बात का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था कि इस बार कोरोना काल के कारण 2 साल बाद शुरू हो रही चार धाम यात्रा के लिए कई लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे, और हुआ भी वैसा ही. भक्तों का तांता तीर्थस्थलों से टूटा ही नहीं. बारिश और बर्फबारी के बीच भी चार धाम के दर्शन के लिए यात्री पहुंचते रहे. इस कारण तीर्थस्थलों पर काफी भीड़ भी देखी गई. जिस कारण जाम जैसी स्थितियों का लोगों को सामना करना पड़ा.
वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों का एक जगह पहुंचना सही नहीं माना गया है, इसलिए अब उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार चारधाम यात्रा को लेकर एक बड़ा निर्णय लेने की तैयारी कर रही है. सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महराज ने बताया कि विशेषज्ञों से बात करके एक ऐसा नियम बनाने पर चर्चा की जा रही है, जिससे की एक व्यक्ति साल में एक ही बार चारधाम की यात्रा कर सके. अगले साल की यात्रा शुरू होने से पहले इस पर फैसला कर लिया जाएगा.
आधार कार्ड के जरिए रखा जाएगा रिकॉर्ड
मंत्री ने कहा कि ज्यादा लोगों के चलते तीर्थस्थलों की इकोलॉजी को नुकसान पहुंचता है. चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों का आधार कार्ड के जरिए रिकॉर्ड भी रखा जाएगा. बता दें कि इस साल 50 लाख से भी ज्यादा भक्त चारधाम की यात्रा पर पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से एक रिकॉर्ड कायम हुआ. वहीं इसके दूसरे पहलू को देखा जाए तो इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से तीर्थयात्रियों को जाम जैसे हालातों से दो-चार होना पड़ा. पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी इस स्थिति को सही नहीं माना गया.
2023 की चार धाम यात्रा की अभी से शुरू हुई तैयारियां
2023 में चारधाम यात्रा के दौरान जनपद में यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ावों पर स्वास्थ्य सुविधाएं चाक चौबंद रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. जानकीचट्टी और हर्षिल में 30 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. इसके अलावा अन्य पड़ावों पर भी 10-10 बेड के अस्पतालों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है. बता दें कि बीते 19 नंवबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे. अब 6 महीने बाद यात्रा शुरू होगी.