देहरादून: उत्तराखंड में आने वाले तीर्थयात्रियों को देवभूमि के महत्वपूर्ण स्थलों तक ले जाने की सुविधा में इजाफा किया गया है। पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने हिंदुओं द्वारा पूजनीय पिथौरागढ जिले की दो महत्वपूर्ण चोटियों, आदि कैलाश और ओम पर्वत की हेलीकॉप्टर से यात्रा को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय निवासियों के लिए आजीविका के अवसर पैदा होंगे। विशेष रूप से कम महीनों के दौरान 17 सक्रिय गांवों की क्षमता में वृद्धि होगी। रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा मिलेगा। 19,000 फीट से अधिक ऊंचा आदि कैलाश भगवान शिव का सांसारिक निवास माना जाता है, जो तिब्बत में कैलाश पर्वत का प्रतिबिंब माना जाता है।
आदि कैलाश मार्ग पर 18,000 फीट से अधिक ऊंचा ओम पर्वत, पवित्र हिंदू प्रतीक ‘ओम’ जैसा एक अनोखा बर्फ पैटर्न प्रदर्शित करता है। हेलिकॉप्टर सेवा 10 अप्रैल से 10 मई तक ट्रायल रन के लिए निर्धारित किया गया है। सरकार ने पांच दिवसीय ‘हेलीदर्शन’ पैकेज तैयार किया है, जो शुरू में छह महीने का होगा। सीएम के सचिव शैलेश बगोली ने कैबिनेट बैठक के बाद एक ब्रीफिंग में इस संबंध में जानकारी दी। सरकार का लक्ष्य ज्योलिंगकोंग और नबी ढांग से आदि कैलाश और ओम पर्वत को पर्यटक और धार्मिक यात्राओं के लिए सुगम बनाना है।
सर्दियों के दौरान भी कर सकेंगे दर्शन
सर्दियों के दौरान जब व्यावसायिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, उस समय भी तीर्थयात्रियों को इन इलाका के दर्शन कराने की योजना है। इस दौरान स्थानीय लोग कहीं और आजीविका की तलाश करते हैं। पिछले अक्टूबर में आदि कैलाश मार्ग पर प्रधानमंत्री मोदी की पार्वती कुंड की यात्रा के बाद इस पहल को गति मिली। उन्होंने जब सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं। इसके बाद लोगों से कुमाऊं, हिमालय क्षेत्र में इन पवित्र स्थलों का पता लगाने का आग्रह किया गया। कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।