देहरादून : उत्तराखंड सरकार बनाम निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा मामले में नया मोड़ आ गया है. खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का मुकदमा खत्म हो सकता है. मौजूदा धामी सरकार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा नहीं चलाना चाहती है. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मुकदमे में राज्य सरकार ने SLP वापस लेने का एफिडेविट दाखिल किया है.
मालूम हो कि त्रिवेंद्र रावत ने मुख्यमंत्री रहते उमेश कुमार शर्मा के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था. इसी मामले में सरकार ने अब शपथ पत्र दाखिल किया है. उत्तराखंड की धामी सरकार के इस कदम से बीजेपी में अंदरूनी लड़ाई तेज होने के आसार नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो
उत्तराखंड भाजपा में खींचतान बढ़ने के आसार
फिलहाल त्रिवेंद्र से जुड़े मामलों से सुप्रीम कोर्ट से पीछे हटने पर उत्तराखंड भाजपा में खींचतान बढ़ने के आसार साफ नजर आ रहे हैं. तब हाइकोर्ट ने उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ राजद्रोह की FIR को निरस्त कर दिया था. पूर्व में त्रिवेंद्र सरकार मुकदमें को जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आपील की गयी थी. इस पूरे प्रकरण में अबअब धामी सरकार ने SLP वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की है.
बता दें की उमेश कुमार शर्मा उत्तराखंड के खानपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल करने में सफल रहे थे. खानपुर विधानसभा सीट हरिद्वार जिले में आती है. यह सीट पूर्व बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का गढ़ मानी जाती थी. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी कुंवररानी देव्यानी सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें हार का मुंंह देखना पड़ा.