देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने आज राज्य की भाजापा सरकार पर महंगाई, कोरोना काल में स्वास्थ सेवाओं की बदइंतजामी व जनता को राहत के नाम पीडीएस में मिलने वाली चीनी पर तीस रुपया महीना प्रति परिवार के अपमानजनक राहत पर जोरदार हमला बोला। आज पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कोरोना काल के बीते पंद्रह महीनों में राज्य की प्रचंड बहुमत वाली भाजापा सरकार ने प्रदेश की जनता को कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इतने भयंकर दौर में भी भाजपा नेता कुर्सी की लड़ाई में इतने व्यस्त रहे कि उन्होंने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया और कोविड प्रथम और कोविड कि दूसरी लहर के बीच जो सात आठ महीने का समय मिला था उसका सदुपयोग स्वास्थ्य सेवा तंत्र को मजबूत करने में लगाने की बजाय सीएम सीएम का खेल खेलने में बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण आज राज्य में चार लाख के आंकड़े को छूने की तरफ है और मृतक दर देश में पहले पायदान को छू रही है। सरकारी आंकड़े बासठ सौ पार कर चुकी मृतक संख्या वास्तव में कई गुना है लेकिन राज्य की सरकार कहीं भी जनता के साथ खड़ी नहीं दिखाई पड़ी। धस्माना ने कहा कि दूसरी लहर में जिस प्रकार से लोग बिना आक्सीजन बिना अस्पताल में बैड आईसीयू बिना वेंटिलेटर और बिना दवा व इंजैक्शन के अभाव में मरे हैं ये अपने आप में सरकार के पूर्ण रूप से फेलियर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रही और जनता को आज तक राहत नहीं मिली । पिछले 15 महीनों में लोगों के रोजगार उजड़ गए। मेहनत मजदूरी व ध्याड़ी कर कमाने खाने वाले लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए।
छोटे व्यापारी , परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोग, चार धाम यात्रा से जुड़े पांच लाख परिवार ये सब बिना काम के बेरोजगार हो चुके हैं किंतु सरकार ने किसी की मदद नहीं कि। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि कोविड19 से मारने वाले के आश्रित को राज्य सरकार एक लाख रुपया देगी इसी प्रकार परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों एक एक हज़ार रुपए देंगे लेकिन त्रिवेंद्र सिंह तो विदा भी हो गए किसी को भी एक रुपया राहत बीजेपी सरकार ने नहीं दी। धस्माना ने कहा कि नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने भी राहत के नाम पर अभी तक कुछ मदद नहीं की और अब कल शाम जो निर्णय राहत का तीरथ कैबिनेट ने किया वो राहत देने की जगह दुखी लोगों के जख्मों पर नमक लगाने जैसा है। उन्होंने कहा कि तीरथ कैबिनेट ने राज्य के राशन कार्ड धारकों को प्रति कार्ड दो किलो चीनी 25 रुपये किलो के हिसाब से देने की घोषणा की जो शर्मनाक है क्योंकि बाजारी भाव 40 रुपये किलो के हिसाब से दो किलो में 30 रुपये की बचत हर परिवार को प्रति माह होगी यानी कि प्रति परिवार एक रुपया रोज की राहत। धस्माना ने सीएम तीरथ सिंह से मांग करी कि वे जनता पर की गई यह मेहरबानी तुरंत वापस ले लें या राज्य की जनता को प्रत्येक राशनकार्ड पर छह महीने तक दस किलो गेंहू, पैच किलो चावल एक किलो चीनी एक किलो दाल प्रति यूनिट मुफ्त दें।