नई दिल्ली। क्या सच में भारत ने अमेरिका को टैरिफ में कटौती का कोई वादा किया है? क्या डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा वह सच है? इस पर अब भारत सरकार का जवाब आ गया है. भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाले दावे से किनारा किया और कहा कि अभी कोई समझौता नहीं हुआ है. सरकार ने संसदीय समिति से कहा कि टैरिफ मुद्दे पर अमेरिका से कोई वादा नहीं किया गया है. साथ ही सरकार ने इस मसले को सुलझाने के लिए सितंबर तक का समय मांगा है.
डोनाल्ड ट्रंप बार-बार टैरिफ का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने बीते दिन दावा किया था कि भारत ने टैरिफ को काफी कम करने की प्रतिबद्धता जताई है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत टैरिफ कटौती पर सहमत हो गया है. हालांकि, अब सरकार ने इसकी पोल खोल दी है. भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि किसी को भी ट्रंप के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि दोनों ही देशों के बीच समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है.
संसदीय समिति के सामने आया जवाब
टीओआई की खबर के मुताबिक, विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के समक्ष पेश होते हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं. इसमें केवल तत्काल टैरिफ समायोजन की मांग करने के बजाय दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
सरकार ने और क्या कहा
उन्होंने भारत के खिलाफ टैरिफ कार्रवाई पर चिंताओं को दूर करने की भी कोशिश की. उनका तर्क था कि नई दिल्ली, वाशिंगटन के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, जो चीन, कनाडा और मैक्सिको के बिल्कुल विपरीत है. ट्रंप ने इन देशों के खिलाफ टैरिफ कार्रवाई की घोषणा की है, जिनमें से कुछ पहले ही लागू हो चुकी हैं.
किसने दागे थे सवाल
सूत्रों के मुताबिक, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा और टीएमसी की सागरिका घोष जैसे कुछ विपक्षी सांसदों ने वाणिज्य सचिव से पारस्परिक टैरिफ पर सवाल किए. डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से उच्च टैरिफ वाले देशों पर इसका लगाने की धमकी दी है. बर्थवाल ने जवाब में सुझाव दिया कि भारत फिलहाल पारस्परिक टैरिफ से बच सकता है.