पटना: एनईईटी पेपर लीक मामले को लेकर बिहार की सियासी हवा अचानक गर्म हो गई है. सवालों और आरोपों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी पार्टी राजद आमने-सामने है. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के संगीन आरोपों के बाद चर्चा होने लगी है कि एनईईटी यूजी 2024 पेपर लीक मामले की जांच की आंच पड़ने पर क्या तेजस्वी यादव बैकफुट पर आ गए हैं?
एनईईटी परीक्षा विवाद की जांच कर रही है आर्थिक अपराध इकाई
एनईईटी परीक्षा विवाद और कथित पेपर लीक की जांच बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) कर रही है. इस पूरे मामले में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के बीच एक अभ्यर्थी के सियासी कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है. एनएच गेस्ट हाउस में एक अभ्यर्थी को ठहराने का मामला और तेजस्वी यादव के आप्त सचिव (पर्सनल सेक्रेट्री) प्रीतम कुमार के फोन से कमरा बुक कराने का मामला सामने आया है. इस मामले में पथ निर्माण विभाग ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के आप्त सचिव (पीएस) प्रीतम कुमार के मोबाइल नंबर से एक मई को रात 9 बजकर 7 मिनट पर पथ निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रदीप कुमार को कॉल किया गया. कॉल करके एनएच गेस्ट हाउस में अपने रिश्तेदार सिकंदर कुमार यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने के लिए कहा था. प्रदीप कुमार ने पहले इसे नजरंदाज कर दिया, लेकिन 4 मई की सुबह 8:49 बजे फिर एक बार प्रीतम कुमार के फोन पर उसी नंबर से कॉल किया गया और सिकंदर कुमार यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने कहा गया.
कमरा बुक करवाने में तेजस्वी यादव के लिए ‘मंत्री’ शब्द का इस्तेमाल
विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि कमरा बुक करवाने में ‘मंत्री’ शब्द का इस्तेमाल तेजस्वी यादव के लिए किया गया था. सिन्हा ने दोनों के कॉल डिटेल रिपोर्ट और व्हाट्सएप चैट का स्क्रीन शॉट दिखाने का दावा भी किया. विजय सिन्हा पथ निर्माण मंत्री भी हैं और उनके अंडर ही यह गेस्ट हाउस भी आता है. उनसे पहले पथ निर्माण विभाग भी तेजस्वी यादव के पास ही था. सिन्हा के दावे के बाद प्रदीप कुमार ने कहा, “प्रीतम ने मुझे फोन करके 1 मई और फिर 4 मई को सिकंदर कुमार के लिए कमरा बुक करने को कहा. मैंने रिक्वायरमेंट मांगा, जिस पर उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा दिया जाएगा…”
एनईईटी पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड सिकंदर कुमार यादवेंदु गिरफ्तार
एनईईटी पेपर लीक मामले को लेकर बिहार पुलिस ने 5 मई को ‘दानापुर नगर प्रशासन’ लिखी गाड़ी से सिकंदर कुमार यादवेंदु को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, बिहार सरकार में जूनियर इंजीनियर सिकंदर ही इस पेपर लीक मामले का किंगपिन और मास्टमाइंड है. इससे पहले भी कई घोटालों में सिकंदर कुमार यादवेंदु का नाम दर्ज है. तीन करोड़ के एलईडी घोटाले में भी आरोपी सिकंदर जेल भी जा चुका है. मामले में सिकंदर के अलावा 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें पांच अभ्यर्थी और कई अभिभावक भी शामिल हैं. एक अभ्यर्थी अनुराग यादव ने कहा कि सिकंदर उसका फूफा है.
गिरफ्तार आरोपियों के पुलिस पूछताछ में कबूलनामे, बड़े पैमाने पर लेन-देन का खुलासा
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कई कबूलनामे किए हैं. उन्होंने बड़े पैमाने पर लेन-देन का भी खुलासा किया है. अनुराग ने लिखित तौर पर बताया कि चार मई 2024 को उसके फूफा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उसे अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास छोड़ दिया. वहां एनईईटी परीक्षा के क्वेश्चन पेपर और उसके साथ आंसर शीट भी दिया गया. रात भर उसे पढ़ाया और जमकर रटाया गया. सुबह सेंटर डीवाई पाटिल स्कूल में एग्जाम में भी वही सवाल पूछे गए थे.
आरोपों और सवालों पर तेजस्वी यादव ने साधी चुप्पी, राहुल गांधी ने भी नहीं किया बचाव
इस पूरे मामले में लग रहे आरोपों और उठ रहे सवालों पर राजद नेता, पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कोई जवाब या प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, उन्होंने बिहार में आरक्षण सीमा पर हाई कोर्ट के फैसले पर सीएम नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की है. लेकिन अपने सचिव और करीबी का नाम इतने बड़े विवाद में आने के बावजूद उन्होंने कुछ नहीं कहा है. हालांकि, उनके बचाव में मनोज झा सामने आए, लेकिन उन्होंने आरोपों और दावों से ज्यादा सियासी बयान दिए.
एनईईटी पेपर लीक मामले को लेकर बिहार में बवाल के बीच राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में इन्क्वायरी होनी चाहिए, जिन्होंने भी पेपर लीक कराया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. पेपर लीक पर सख्त कानून आफ्टर द फैक्ट है. वह होना चाहिए.
विजय कुमार सिन्हा के आरोपों और दावों पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा, “…धर्मेंद्र प्रधान क्लीन चिट देते हैं और बाद में दिखावा करते हैं कि कुछ अनियमितताएं हैं. गुजरात में क्या हुआ? हरियाणा में बीजेपी मंत्री के स्कूल में 6 उस सेंटर के बच्चे टॉपर लिस्ट में हैं. इसलिए पूरे देश में NEET पर हंगामा हो रहा है और ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
NTA को खत्म करना चाहिए लेकिन किस बात पर चर्चा हो रही है? बिहार? लाखों बच्चे चिंता का विषय नहीं… आप आरोपियों को बचाने के लिए झूठी कहानियां बना रहे हैं… मैं कहना चाहता हूं कि यह पूरी कहानी चलाई गई थी जिसमें एक सरकारी कर्मचारी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी. NEET में शामिल बड़े चेहरों को बचाना है. ये 25 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है, इसे गेस्ट हाउस की झूठी कहानी में मत उलझाओ.”