नई दिल्ली: कानपुर में रेल को डीरेल करके मास मर्डर की, जो साज़िश रची गई उसके तार सीधे तौर पर आतंकी संगठन से जुड़ते जा रहे हैं. कालिंदी एक्सप्रेस को बर्निंग ट्रेन बनाने की जो साजिश रची गई उसके पीछे ISIS के खुरासान मॉड्यूल का हाथ माना जा रहा है, अब तक की जांच में कानपुर साज़िश के पीछे तीन किरदार सामने आ रहे हैं.
पाकिस्तानी आतंकी गौरी शक के घेरे में
इसमें पहला नाम है फरहतुल्लाह गौरी का जो पाकिस्तानी आतंकी है. फरहतुल्लाह गौरी ने पिछले महीने ही भारत पर हमले की धमकी दी थी. उसने अपने संगठन के लोगों को भारत में ट्रेनों को पटरियों से उतारने को कहा था. साथ ही ट्रेन में बम विस्फोट के लिए प्रेशर कुकर के इस्तेमाल को कहा था. गौरी ऑनलाइन तरीके से जिहादियों को भर्ती करता है. गौरी पर 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले का आरोप है. 2005 में हैदराबाद में टास्क फोर्स ऑफिस पर भी हमले का आरोप है. इसी साल बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट के पीछे भी गौरी का हाथ है.
इस मामले में दूसरा नाम शाहरुख का है, जो कानपुर के मुंडेरी गांव का रहने वाला है. दो साल पहले संदिग्ध गतिविधियों में जेल गया, तब से वो गांव वापस नहीं लौटा. 22 साल का शाहरुख पढ़ा लिखा नहीं है. शाहरुख एक हिस्ट्रीशीटर है. कुछ दिन पहले वो आगरा में था फिर वहां से फरार हो गया.
ट्रेन उड़ाने की साजिश में पकड़ा गया दुकानदार
इस मामले में तीसरा किरदार है गिन्ना. गिन्ना को ट्रेन उड़ाने की साज़िश में पकड़ा गया. आरोपी गिन्ना कानपुर के शिवराजपुर का रहने वाला है. गिन्ना चटाई का धंधा करता है और परचून की दूकान चलाता है. गिन्ना पर इससे पहले कोई केस दर्ज नहीं था. अब जानिए कैसे शाहरुख, गानी और गौरी की टीम ने मिलकर टेरर टारगेट फिक्स किया.
इस खुलासे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब देश को दहलाने के लिए रेलवे के ज़रिए मास मर्डर की बड़ी साज़िश रची जा रही है, क्या ISIS जैसे खतरनाक आतंकी संगठन हिंदुस्तान की ट्रेनों को टेरर मीडियम बना रहे हैं. क्या आतंकवाद का नया हथियार है ट्रेन जिहाद? इन सवालों के जवाब जानने से पहले कानपुर कांड से जुड़े अपडेट जान लीजिए.
सुरक्षा एजेंसियों ने 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया
इस मामले में ISIS के खुरासान मॉड्यूल को लेकर जांच में जुटी NIA, IB और यूपी ATS ने 10 संदिग्धों को पूछताछ के लिए गिरफ्त में लिया है, साथ ही रेलवे ट्रैक के आस-पास के इलाके की पूरी जांच की जा रही है, 219 कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जो लोग विदेश से आए हैं उनकी जांच हो रही है, संदिग्धों का मोबाइल डेटा भी खंगाला जा रहा है.
कहीं लोन वुल्फ अटैक तो नहीं?
इस मामले में लोन वुल्फ अटैक का भी शक जताया जा रहा है, जिसमें कट्टरपंथी संगठनों पर शक जताया जा रहा है, वहीं जांच एजेंसियों को आतंकी मॉड्यूल के स्लीपर सेल के एक्टिव होने का भी शक है. जिसकी जांच की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक कुछ दिनों पहले जांच एजेंसियों ने इसे लेकर एक अलर्ट भी जारी किया था, जिसमें देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और रेलवे को निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी गई थी. ये चेतावनी पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह का वीडियो वायरल होने के बाद जारी की गई थी, जिसमें वो भारत में ट्रेन के जरिए तबाही फैलाने की धमकी दे रहा था.
कहीं बदला लेने के लिए तो नहीं रची गई साजिश?
इस मामले में ADG रेलवे ने भी कानपुर पहुंच कर मौके के मुआयना किया और आरोपियों का नाम बताने वालों को इनाम देने का ऐलान किया. दरअसल कानपुर के गोविंदपुरी और कासगंज में पिछले महीने भी रेलवे ट्रैक को डैमेज करके ट्रेन को बेपटरी करने की दो साजिशें रची गई थीं और कल एक बार फिर सिलिंडर के ज़रिए बड़े धमाके की कोशिश की गई. जिसके बाद खुरासान माड्यूल शक के दायरे में है और इससे जुड़े आतंकियों की जांच जारी है.
दरअसल, मध्य प्रदेश बम ब्लास्ट में जो आरोपी थे वो ख़ुरासान मॉड्यूल से थे और अभी हाल ही में लखनऊ NIA कोर्ट ने उन सबको सज़ा सुनाई थी. ऐसे में जांच एजेंसी को ये लगता है कि उसके बदला लेने के लिए ये प्लानिंग की जा रही है. अब आपको एक बार कानपुर लखनऊ के ISIS खेरसॉन माड्यूल के बारे में बताते हैं. इस माडयूल का खुलासा 2017 में हुआ था. इसमें सबसे पहला नाम है आतिफ मुज़फ्फर का, जो फिलहाल जेल में है.
कानपुर में नहीं बना लिया अपना बेस?
इसके बाद गौस खान, अजहर खलीफा और फैजल खान है. इन तीनों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके साथ ही दानिश अख्तर गिरफ्तार हो चुका है. वहीं मोहम्मद सैफुला को लखनऊ में 2017 में एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. हमजा खान भी इसी मॉड्यूल का मेंबर है जो जेल में है. ये गिरफ्तारी कानपुर, इटावा से हुई थी. ऐसे में कानपुर में इस माड्यूल का बेस हो सकता है क्योंकि उस वक़्त संदिग्ध फरार हो गए थे.
वहीं इस मामले में सियासी बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मामले की जांच की मांग के साथ बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा.