नई दिल्ली। 2 फरवरी 2025 को आयोजित आरएएस भर्ती परीक्षा 2024 में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया. परीक्षा केंद्रों पर सुबह से ही छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इस बार का पेपर पैटर्न पिछले वर्षों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण रहा, जिससे छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
विशेषज्ञों का कहना है कि पेपर का स्तर औसत से कठिन था. खासकर लैंग्वेज सेक्शन ने विद्यार्थियों को उलझा दिया. प्रश्नों में सटीकता और गहराई के साथ भाषा की जटिलता भी देखने को मिली. सारांश लेखन, कथन और पूर्वधारणा, सही उद्धरण की पहचान जैसे प्रश्नों ने छात्रों को सोचने पर मजबूर कर दिया. माय मिशन कोचिंग सेंटर, उदयपुर के शिक्षक संजय लुणावत ने बताया कि इस बार का पेपर पैटर्न काफी सटीक था, लेकिन छात्रों के लिए यह बड़ा ही चुनौतीपूर्ण रहा होगा. करंट अफेयर्स पर आधारित सवालों की संख्या अधिक रही, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि पेपर सेट करने वालों ने समसामयिक घटनाओं पर विशेष ध्यान दिया. जनरल साइंस सेक्शन में भी नवीनतम तकनीकी विषयों को प्राथमिकता दी गई. खासतौर पर स्पेस टेक्नोलॉजी से संबंधित प्रश्नों ने छात्रों को चौंका दिया.
परीक्षा में पूछे गए प्रमुख प्रश्न
मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र से संबंधित प्रश्नों में सोम और जाखम नदियों का जिक्र था, जो यूक्रेन जिले से संबंधित है. राजस्थान में एस्बेस्टस खदान अर्जुनपुरा और पीपरदा में स्थित है. रीको द्वारा विकसित नवीन औद्योगिक क्षेत्र 2023-24 में माल की ट्यूस-यूजिक में है. एग्रो फूड पार्क यूके में नहीं है. मेवाड़ चित्रकला शैली से जुड़े प्रसिद्ध रचयिता साहिबदीन पर आधारित प्रश्न पूछा गया. बिजोलिया किसान आंदोलन पर प्रयाग के अभ्युदय एवं कोलकाता के भारत मित्र समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित समाचारों का भी जिक्र था.
परीक्षार्थियों की प्रतिक्रिया
छात्रों ने पेपर को समय-प्रबंधन के लिहाज से कठिन बताया. खासकर तार्किक विश्लेषण और मानसिक योग्यता के प्रश्न समय लेने वाले थे. वहीं, कुछ छात्रों का मानना था कि जिन्होंने करंट अफेयर्स और रीजनल स्टडीज पर अच्छी पकड़ बनाई थी, वे बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.