आनंद अकेला की रिपोर्ट
सीधी। पूरे देश में इस समय मजदूरों के पलायन और उनके कठिनाइयों की खबर सुर्खियों में हैं। ऐसे में जब पूरे देश में प्रवासी मजदूर व कामगार परेशान हैं उनकी कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है उस वक्त सीधी जिले के कलेक्टर द्वारा विपरीत परिस्थितियों में हजारों किलोमीटर दूर मदद की आस में दर-दर भटक रहे जिले के लोगों के लिए जिला प्रशासन मसीहा बनकर सामने आया।
लाकडाउन के कारण महानगरों में फंसे लोगों खासतौर से कामगारों का जिले में तेजी से आगमन हो रहा है। सीधी जिले के हनुमानगढ़ के पास स्थित बोकारो गांव के कुछ युवा थाणे, मुंबई में एक संस्थान में काम करते थे। लाकडाउन के कारण रोजगार समाप्त होने पर सभी ने सीधी जिले लौटने का निश्चय किया। इसके लिए सभी ने 16 मई को मुंबई के पास थाणे से सीधी जिले के लिए आ रही बस की टिकट ली। यह एक बजे थाणे से सीधी के लिए रवाना होने वाली थी। सभी बस का इंतजार कर रहे थे इस बीच एक बेकाबू ट्रक ने इन युवाओं को पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें सीधी के निवासी के रामपुर नैकिन तहसील के हनुमानगढ़ के पास स्थित बोकारो गांव के निवासी भूपेंद्र तिवारी पिता राजेंद्र तिवारी उम्र 26 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसका साथी विनीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक भूपेंद्र के साथी उपेंद्र तिवारी ने इसकी सूचना परिजनों को दी।
मृतक के साथियों के पास धनराशि का समुचित प्रबंध न हो पाने के कारण उसके पार्थिव शव को सीधी ला पाने में असक्षम थे। इस संबंध में उन्होंने स्थानीय विधायक शरतेंदु तिवारी से दूरभाष के द्वारा बात की। जिस पर स्थानीय विधायक शरतेंदु तिवारी ने मदद का भरोसा दिलाते हुए जिले के कलेक्टर रवींद्र चौधरी से इस घटना के बारे में वार्ता कर मदद का आग्रह किया।
घटना के संज्ञान में आते ही जिले के कलेक्टर रवींद्र चौधरी तुरंत मृतक के साथियों से फोन के द्वारा संपर्क स्थापित किया। घटना के संबंध में जानकारी लेते हुए कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने कहा कि जिले का प्रशासन पूरी तरह से दुःख की इस घड़ी में आपके साथ है। जिला प्रशासन द्वारा हर तरह की मदद त्वरित उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने वहां के प्रशासन से वार्ता कर मृतक के पार्थिव शरीर को सीधी भिजवाने संबंधी सभी कार्रवाई को प्राथमिकता के आधार पर करने का आग्रह किया। जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने मृतक के साथी उपेंद्र तिवारी के बैंक एकाउंट में तुरंत पचास हजार रुपये की धनराशि भिजवाई। यह धनराशि जिले के नोडल अधिकारी हिमांशु तिवारी ने भेजी।
जिला कलेक्टर रवींद्र चौधरी द्वारा उपलब्ध कराई गई त्वरित मदद के कारण मृतक की शव 19 मई की सुबह पांच बजे सीधी स्थित पैतृक गांव में पहुंच गया। जहां सुबह आठ बजे मृतक की अंत्येष्टि कर दी गई।
स्थानीय जनता ने जिला प्रशासन के सहयोग लिए जताया आभार
स्थानीय जनता ने मुसीबत की इस घड़ी में जिस तरह से बीजेपी की शिवराज सरकार व उनके प्रतिनिधि विधायक शरतेंदु तिवारी ने मदद उपलब्ध कराई उसके लिए सरकार की सराहना की। साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा त्वरित रूप से गरीब परिवार की मदद उपलब्ध कराने व इस पर पूरी नजर बनाए रखने के लिए आभार व्यक्त किया।