अनाहत सागर
जी हाँ! हम गुजरात के अवैध शराब कारोबार की ही बात कर रहे हैं। जो आजकल फ़िर से चर्चा में है। गुजरात में समय-समय पर ज़हरीली शराब पीकर लोग मौत का शिकार होते आये हैं, हर बार SIT बनाई जाती है, और फ़िर SIT की जांच का क्या होता है, ये आजतक किसी को नहीं पता चला और ज़हरीली शराब से मरने का सिलसिला साल दर साल चलता रहता है।
ऐसा ही एक ताजा मामला है गुजरात के बटोड जिले का देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है। जहां अभी तक 75 से ज़्यादा लोग ज़हरीली शराब पीकर मर चुके हैं और 150 से अधिक लोग अभी भी ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। यहां सवाल ये उठता है कि गुजरात में दशकों से शराब पर प्रतिबंध है लेकिन फ़िर भी शराब किसके संरक्षण में धड़ल्ले से बेची और ख़रीदी जाती है? और ज़हरीली शराब पीकर लोग मौत का शिकार होते रहते हैं।
विपक्षी दल ख़ास कर आम आदमी पार्टी इन्ही तथ्यों को लेकर गुजरात की भाजपा सरकार पर हमलावर है और प्रधानमंत्री मोदी की चुपी पर लगातार सवाल उठा रही है क्योंकि मोदी एक दशक से भी ज़्यादा गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके कार्यकाल में भी ज़हरीली शराब से लगातार मौतें होती रहती थी। आज मोदी प्रधानमंत्री है, ऐसे में अपने गृहराज्य में ज़हरीली शराब से हो रही मौतों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुपी कुछ सवाल तो पैदा करती है।
अब जब ये सवाल उठ रहा है तो उंगलियां प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ उस भाजपा सरकार की तरफ़ भी उठेगी जो 27 सालों से गुजरात की सत्ता पर काबिज़ है। जहां शराब से अन्य राज्य सरकारों को हज़ारों करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है, वहीं शराबबंदी के कारण गुजरात को 10,000- 15,000 करोड़ का नुक़सान होता है। नुक़सान तो सरकार को होता है, लेकिन अवैध शराब के धंधे से हज़ारों करोड़ का मुनाफ़ा किसे होता है? गुजरात में सरकार भाजपा की है और पुलिस, प्रशासन सब कुछ BJP के अधीन ही आता है तो लाज़िम है कि नक़ली और ज़हरीली शराब का धंधा करने वाला अपने ही हज़ारों करोड़ के धंधे को नुक़सान कैसे पहुँचायेगा? कोई ख़ुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी क्यों मारेगा?
आज ज़हरीली शराब से मरने वाले की मौत पर शोर है, कल सब भूल जाएंगे, विपक्ष को भी सरकार को घेरने के लिए कोई दूसरा मुद्दा मिल जाएगा लेकिन ज़हरीली शराब से मरने वालों के परिवार को इंसाफ नहीं मिलेगा और फ़िर से सन्नाटा पसर जाएगा। कोई गिरफ़्तारी नहीं होगी, किसी को सज़ा नहीं होगी। कुछ महीने बाद फ़िर से ज़हरीली शराब से मौतें होंगी और सरकार में शामिल लोग अवैध शराब से हज़ारों करोड़ की कमाई करते रहेंगे। आप भी इन मौतों का आंकड़ा भूल जाएंगे और मृतक परिवार वालों की चीखों को सुनना बंद कर देंगे और सरकार में शामिल लोगों को माफ़ कर देंगे।
–