सिमरी बख्तियारपुर। कोरोना वैश्विक महामारी अब कोशी क्षेत्र में भी पैर पसार रहा है। इस क्षेत्र में पहला मरीज मधेपुरा जिला के बिहारीगंज में पाया गया है। लोगों में एक तरफ जहां दहशत का महौल है वहीं दूसरी तरफ भोजन और राशन की समस्या पैदा हो गई है। ऐसे में गरीबों का मसीहा बनकर आया है अल खिदमत फाउंडेशन। इस फाउंडेशन के योद्धा
लॉकडाउन के बीच गरीबों तक राशन और भोजन पहुंचाने में जुटे हुए हैं। फाउंडेशन के मेंमबर होजेफा हासमी, यासिर अरफी, समीर, सद्दाम, अहमद, सरफराज, फैज, अखलाख, हसरत, जमील, तौकीर आदि ने मौलाना मजहिरुल हक कासमी, मौलाना जियाउद्दीन, हाफिज मुमताज, फिरोज, मोती, अकील अहमद, उमर फारूख आदि की निगरानी में रानीबाग के मीना बाजार करीब 100 जरूरतमंदों में राशन किट का वितरण किया। इम मौके पर होजैफा ने बताया कि फाउंडेशन के कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए पूरे अनुमंडल में जरूरतमंदों को लॉकडाउन की अवधि में मदद करने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर मो समीर ने कहा कि रमजान में दान का अलग ही महत्त्व होता है। इस महीने गरीबों में दान देने से कई गुना बरकत मिलता है। वहीं फैज ने बताया कि बस्ती के गरीबों समेत जरूरतमंदों जैसे रिक्शा ठेला चलाकर अपना गुजारा करने वालों को राशन का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को सोशल जिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है। मोती आलम और ने कहा कि लॉकडाउन के बीच गरीब असहाय मजदूरों को राशन और खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। शनिवार से रमजान माह शुरू होने पर रोजे से संबंधित सामग्री भी वितरित की जा रही है । अल खिदमत फाउंडेशन ने लोगों से अपील की है कि रमजान में अपने-अपने घरों से रहकर ही इबादत करें और लॉकडाउन का पालन करें।