नई दिल्ली : क्रेडिट कार्ड का क्रेज आज के समय में काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है. इसके पीछे का कारण कार्ड पर मिलने वाले कई फायदे हैं. अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो डिस्काउंट ऑफर, रिवार्ड पाइंट जैसे कई फायदे मिलते हैं. लेकिन कई बार लोग इससे पेमेंट करते समय यह भूल जाते हैं कि क्रेडिट कार्ड भी एक तरह का कर्ज ही होता है. ये जितना फायदेमंद होता है उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है.
बिल मिनिमम पेमेंट करना कितना सही
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर आपको एक समय के बाद इसका बिल देना होता है. लेकिन बिल भरने की बात पर कुछ लोग या तो पूरा बिल भर देते हैं नहीं तो कुछ पूरा बिल भरने के बजाय मिनिमम बिल पेमेंट करते हैं. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड बिल की मिनिमम पेमेंट पूरे बिल का 5% तक होती है.
आप अगर बिल का मिनिमम ड्यू समय पर भरते हैं तो बिल न भरने वाली पेनल्टी से आप बच सकते हैं. इतना ही नहीं अगर आपके पास पैसे नहीं है तो आप मिनिमम पेमेंट करके अपने ऊपर लगने वाले पेनल्टी से भी बच सकते हैं.
मिनिमम ड्यू भरने के नुकसान
अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आपके लिए मिनिमम ड्यू भरना फायदेमंद हो सकता है लेकिन इसको भरने का काफी नुकसान भी है. आपको बचे हुए कार्ड बिल पर महीने भर का एक्स्ट्रा इंटरेस्ट देना पड़ता है. जो 3 से 4 प्रतिशत तक का होता है. मतलब कि सालाना आपको 30 से 40 फीसदी तक का उच्च ब्याज देना होगा. वो भी उस दिन से ही जिस दिन से आपने खरीदारी की है.
इसके अलावा ये आपके क्रेडिट स्कोर पर भी काफी असर पड़ता है. इसके साथ ही आप मिनिमम ड्यू भरने से कर्ज के जाल में भी धीरे-धीरे फस सकते हैं. वहीं आने वाले समय में आपको क्रेडिट कार्ड से नई खरीदारी करने पर कोई इंटरेस्ट फ्री पीरियड भी नहीं मिलेगा.