Saturday, May 10, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

क्‍या जगन्‍नाथपुरी मंद‍िर का यह रहस्‍य जानते हैं आप, क्‍यों सागर तट पर बंधें हैं हनुमान?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
11/06/21
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
क्‍या जगन्‍नाथपुरी मंद‍िर का यह रहस्‍य जानते हैं आप, क्‍यों सागर तट पर बंधें हैं हनुमान?

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

जगन्‍नाथजी का नाम सुन‍ते ही रहस्‍यों से भरे मंद‍िर की तस्‍वीर सामने आ जाती है। बात चाहे मंद‍िर में अधूरी बनी लकड़ी की मूर्तियों की हो या फ‍िर मंद‍िर के ऊपर से क‍िसी भी व‍िमान या पक्षी के न जाने की हो। यह सारी बातें हैरान करती हैं। लेक‍िन मंद‍िर के आस-पास भी कुछ ऐसे रहस्‍य हैं ज‍िन्‍हें जानेंगे तो स‍िवाय हैरानी के कुछ हाथ नहीं आता। ऐसा ही एक रहस्‍य है हनुमान जी का। जब भगवान ने स्‍वयं अपने परम भक्‍त को समुद्रतट पर बांध द‍िया। आइए इस रहस्‍य को व‍िस्‍तार से जानते हैं…

तो रूठ गए भगवान जब
भगवान जब पृथ्‍वी पर अवतर‍ित होते हैं तब देवता-नर-गंधर्व सभी की चाहत होती है क‍ि ईश्‍वर के दर्शन हो जाएं। ऐसा ही हुआ जब भगवान जगन्‍नाथजी की मूर्ति स्‍थापना हुई तो पास बहने वाले समुद्र भी दर्शन की लालसा बढ़ी। पौराण‍िक कथा के अनुसार प्रभु दर्शन की इच्‍छा ल‍िए समुद्र ने कई बार मंदिर में प्रवेश क‍िया। इससे काफी क्षति भी हुई। समुद्र ने यह धृष्‍टता लगातार तीन बार की।

तब भगवान ने बुलाया अपने परम भक्‍त को
समुद्र ने जब कई बार मंदिर में प्रवेश क‍िया क्षत‍ि पहुंचाई तो भक्‍तों ने भगवान जगन्‍नाथजी से मदद की गुहार लगाई। क्‍योंक‍ि समुद्र के चलते भक्‍तों का दर्शन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था। तब भगवान जगन्‍नाथजी ने हनुमानजी को समुद्र को न‍ियंत्रित करने के ल‍िए न‍ियुक्‍त क‍िया। पवनसुत ने भी समुद्र को बांध द‍िया। यही वजह है क‍ि पुरी का समुद्र हमेशा शांत रहेता है। लेकिन तभी उसने चतुराई दिखाई।

पवनसुत भी हार गए समुद्र के आगे
समुद्र को बांधने के बाद हनुमानजी रातों-द‍िन वहीं पहरा देते रहते। तब एक द‍िन सागर ने चतुराई द‍िखाई और हनुमानजी की भक्ति को ललकारा। उन्‍होंने कहा क‍ि तुम प्रभु के कैसे भक्‍त हो जो कभी दर्शन के ल‍िए ही नहीं जाते। तुम्‍हारा मन नहीं करता प्रभु जगन्‍नाथ के अनुपम सौंदर्य को निहारने का। तब हनुमानजी ने भी सोचा क‍ि बहुत द‍िन हो गए हैं क्‍यों न आज प्रभु के दर्शन कर ही लें।

तब भगवान ने ल‍िया ऐसा न‍िर्णय
समुद्र से इस प्रकार प्रभु के दर्शनों की बात सुनकर हनुमानजी भी चल पड़े जगन्‍नाथजी के दर्शनों को। तभी उनके पीछे-पीछे समुद्र भी चल पड़ा। इस तरह जब भी पवनसुत मंदिर जाते तो सागर भी उनके पीछे चल पड़ता। इस तरह मंद‍िर में फिर से क्षति होनी शुरू हो गई। तब जगन्‍नाथजी ने हनुमान की इस आदत से परेशान होकर उन्‍हें स्‍वर्ण बेड़ी से आबद्ध कर द‍िया। बता दें क‍ि जगन्‍नाथपुरी में सागरतट पर बेदी हनुमानजी का जो प्राचीन मंदिर वही है जहां उन्‍हें भगवानजी ने उन्‍हें बांधा था।


खबर इनपुट एजेंसी से

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.