आगरा। मरीजों की सेवा और जान बचाने के लिए चरक शपथ लेने वाले डाक्टर कमाई के लिए झोलाछापों को अपनी डिग्री बेच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 28 डाक्टर चिन्हित किए हैं। इनके नाम से 90 हास्पिटल, पैथोलाजी लैब और क्लीनिक संचालित हैं। इन 28 डाक्टरों के साथ ही हास्पिटल संचालकों को नोटिस दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में 1600 हास्पिटल, पैथोलाजी लैब और क्लीनिक पंजीकृत हैं। इनके नवीनीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर ब्योरा दर्ज किया गया। हास्पिटल, पैथोलाजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक संचालित करने के लिए एक पूर्णकालिक डाक्टर अनिवार्य है। डाक्टर की डिग्री पोर्टल पर अपलोड की जाती है।
पोर्टल पर दर्ज किए गए ब्योरा में 28 डाक्टर चिन्हित किए
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पोर्टल पर दर्ज किए गए ब्योरा में 28 डाक्टर चिन्हित किए गए हैं। इन डाक्टरों के 90 हास्पिटल, पैथोलाजी लैब, क्लीनिक में पूर्णकालिक चिकित्सक के रूप में नाम दर्ज हैं। इसमें से मूल रूप से अलीगढ़ निवासी डा. मनीष कुमार वार्ष्णेय के नाम से चार पैथोलाजी और एक हास्पिटल दर्ज है। जबकि डा. रविंद्र कुमार के नाम से चार हास्पिटल संचालित हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि डाक्टर द्वारा झोलाछाप को डिग्री बेची जा रही हैं। 50 हजार से एक लाख रुपये महीने पर झोलाछाप को डाक्टर डिग्री दे रहे हैं। ये पूर्णकालिक चिकित्सक के बाद भी इन हास्पिटल और पैथोलाजी लैब में नहीं जा रहे हैं।