नई दिल्ली : होली हिंदुओं का अत्यंत प्रमुख पर्व है. होली का पर्व दो दिन मनाया जाता है. इस साल होलिका दहन 07 मार्च यानी आज किया जाएगा. उसके अगले दिन 08 मार्च यानी कल रंगों वाली होली खेली जाएगी. माना जाता है कि अगर आप दरिद्रता से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर उसके अंश को होलिका में डालें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर होती है. लेकिन होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं ताकि कोई परेशानी न आए.
होलिका दहन करते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. सही मुहूर्त पर होलिका दहन करें.
2. होलिका दहन पूर्णिमा के अंतिम भाग में यानी भद्रा रहित काल में होगा.
3. होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा क्योंकि यह समय भद्रा रहित होगा. इसलिए रात को होलिका दहन का समय रखा गया है.
4. होलिका दहन स्थान को गंगाजल से शुद्ध करना ना भूलें.
5. होलिका डंडा बीच में रखें. चारों तरफ सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास रखें. तब अग्नि जलाएं और होलिका दहन करें.
होलिका दहन के समय क्या न करें
1. होलिका दहन के दिन सफेद खाद्य पदार्थों का सेवन भूल से भी ना करें.
2. होलिका दहन की पूजा करते समय अपना सिर अवश्य ढक कर रखें.
3. होलिका दहन की अग्नि नव-विवाहित महिलाओं को देखने से बचना चाहिए.
4. होलिका दहन कभी भी अपनी सास या बहू के साथ ना देखें.
5. होलिका दहन वाले दिन कोई भी शुभ और मांगलिक काम करने से बचना चाहिए.
6. होलिका दहन के दिन किसी भी शांत और सन्नाटे वाली जगह जिसे श्मशान आती जाने से बचें.
होलिका दहन पर क्या करें
1. होलिका दहन शुरू हो जाने पर वहां जाएं.
2. अग्नि को प्रणाम करें, भूमि पर जल डालें.
3. इसके बाद अग्नि में गेंहू की बालियां, उपले और काले तिल डालें.
4. अग्नि की परिक्रमा कम से कम तीन बार करें.
5. इसके बाद अग्नि को प्रणाम करें और अपनी मनोकामना कहें.
6. होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घरवालों का तिलक करें.
होलिका दहन स्थल पर इन बातों का रखें ख्याल
1. होलिका दहन से पहले पूजा करें.
2. पूजा में दीपक, धूप, एक माला, गन्ना, चावल, काले तिल, कच्चा सूत, पानी का लोटा, पापड़ चढ़ाएं.
3. पूजा में हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करें.
4. होलिका दहन में चावल, आम और नीम की लकड़ी चने की झाड़, पापड़ और गेंहू की बालियां डालें और होलिका दहन की अगली सुबह यानी होली वाले दिन होलिका दहन के स्थान पर एक लोटा ठंडा पानी डालें.