पितृपक्ष चल रहा है. पितृपक्ष में ग्रहों की शांति के लिए दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं, ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहे. श्राद्धपक्ष में पितरों का तर्पण करने से बहुत पुण्य मिलता है. ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में कुछ वस्तुओं का दान करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है. आइए आज आपको बताते हैं कि पितृपक्ष के वो सात दान कौन से हैं, जो इंसान का भाग्य चमका सकते हैं.
चांदी का दान
पितृ पक्ष के दौरान चांदी की किसी वस्तु का दान करना अच्छा होता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इसके साथ ही उनका आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहता है. चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से होता है. इसी वजह से पितृ पक्ष में दूध और चावल के साथ-साथ चांदी का भी दान किया जाता है.
काले तिल का दान
श्राद्ध के दौरान काले तिल का दान जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि पितृपक्ष में अगर किसी और चीज का दान करना संभव ना हो तो काले तिल का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि काला तिल संकट और विपदाओं से रक्षा करता है
गुड़ का दान
पितृ पक्ष के दौरान गुड़ का दान भी किया जाता है. गुड़ का दान करने से पितरों को विशेष संतुष्टि प्राप्त होती है. ऐसी मान्यता है कि गुड़ का दान करने से घर का क्लेश भी दूर हो जाता है औैर पितृ भी शांत रहते हैं.
अन्न का दान
पितृपक्ष में अन्न का दान महादान माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि इससे पितरों को तृप्ति मिलती है. पितृ पक्ष में अगर आप अन्नदान करना चाहते हैं तो हमेशा गेहूं और चावल का दान करें. अगर ये दान किसी संकल्प के साथ किया जाता है तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
नमक का दान
कहते है कि जिसका नमक खाओ, उसके प्रति सदैव ऋणी रहो. इसलिए कहा भी जाता है कि नमक का कर्ज कभी नहीं भूलना चाहिए. नमक का दान किए बिना कभी भी दान सम्पूर्ण नहीं होता है.
जूते और चप्पल का दान
जूते-चप्पल का दान करने से आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है और कुंडली के दोषों का भी निवारण हो जाता है. इसलिए पितृपक्ष में जूते-चप्पल का दान करना चाहिए. ऐसे करने से घर में खुशहाली आती है और सुख शांति मिलती है.
गाय के घी का दान
हमारे धर्मग्रंथों में गाय को माता माना गया है. गाय के पूजन से स्वत: ही समस्त बाधाओं का अंत हो जाता है. पितृपक्ष में गाय के घी का दान करना भी फलदायी होता है. इसको दान करने से पितृ खुश हो जाते हैं और घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है.