नई दिल्ली l देश की सेना के लिए आधुनिक और असरदार हथियार तथा सुरक्षा उपकरण विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी Advance Chaff Technology आधुनिक तकनीक तैयार की है. जिसका उपयोग दुश्मन की रडार-निर्देशित मिसाइलों को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को दुश्मन की मिसाइलों से बचाने के लिए किया जाता है. जोधपुर स्थित DRDO लैब ने पुणे की एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लैब के साथ मिलकर आधुनिक Chaff material और chaff cartridge-118 को विकसित किया है जिसमें एयरफोर्स की जरूरत को पूरा करने की क्षमता है और DRDO की तरफ से कहा गया है कि सफल परीक्षण के बाद एयर फोर्स ने इस तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है.
DRDO ने एक ऐसी आधुनिक तकनीक तैयार की है भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को रडार की पकड़ में आने से बचाएगी. रक्षा सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में किसी भी देश के पास फुल प्रुफ चैफ टेक्नोलॉजी नहीं है. ब्रिटेन में दो-तीन कंपनियों के पास यह तकनीक है जो व्यावसायिक उत्पादन करती है। डीआरडीओ जोधपुर ने इनका भी बारिकी से अवलोकन किया लेकिन कोई भी तकनीक भारत द्वारा विकसित तकनीक जितनी प्रभावी नहीं है.
Advance Chaff Technology तकनीक क्या है?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास के लिए डीआरडीओ, आईएएफ और उद्योग की सराहना की, इसे रणनीतिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और डीआरडीओ कदम करार दिया.Advance Chaff Technology का निर्माण जोधपुर में स्थित DRDO की डिफेंस प्रयोगशाला में हुआ है. यह एक इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर तकनीक है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाएं, नौसेना के जहाजों और विमानों की तरह अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए करती हैं। यह संपत्ति को रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी से बचाता है.
इसे IAF की गुणात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पुणे में स्थित High Energy Material Research Laboratory के सहयोग से विकसित किया गया है. DRDO के अनुसार, इस तकनीकी के सफल परीक्षणों के पूरा होने के बाद वायु सेना ने इस तकनीक को प्रयोग में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
खबर इनपुट एजेंसी से