हरिद्वार: उत्तराखंड के मंदिरों में प्रवेश के लिए अब ड्रेस कोड का अनुपालन करना होगा। वेस्टर्न ड्रेस में आने वाले भक्तों को अब मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। संबंधित दिशा-निर्देश के अनुपालन का अनुरोध तमाम भक्तों से किया गया है, ताकि किसी को कोई असुविधा न हो। दरअसल, हरिद्वार के मंदिरों में अब वेस्टर्न कपड़ों को पहनकर मंदिर में जाने पर मनाही होगी, इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिया गया है। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक और महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के सचिव, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने कहा है कि मंदिरों में युवा और युवतियों को ऐसे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
महंत रविंदपुरी ने कहा कि अब मंदिरों में जो भी युवा-युवती आएंगे, वह भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए कपड़े पहन कर जाएंगे। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में फिलहाल यह पाबंदी लगा भी दी गई है। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के पूरे देश में जहां भी मंदिर हैं, वहां यह सब ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जहां लोग दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते है। हर सोमवार मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि युवा मंदिरों की मर्यादा के खिलाफ कपड़े पहनकर मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं, जिससे बाकी श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना आहत हो रही थी। लोग इसकी शिकायत मंदिर समिति से कर रहे थे। इसके बाद अब ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है। महिलाओं और लड़कियों को छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यूपी के भी कई मंदिरों में लागू है ड्रेस कोड
उत्तर प्रदेश के भी कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है। पिछले दिनों मथुरा के श्री राधा दामोदर मंदिन में मैनेजमेंट ने बोर्ड लगाकर कहा कि सनातन पर पाश्चात्य हावी हो रहा है। इसलिए वेस्टर्न ड्रेस पहनकर मंदिर में आने वालों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं, शामली के हनुमान मंदिर में हाफ पैंट, जींस और शॉर्ट ड्रेस पहने महिलाओं, लड़कियों और पुरुषों को प्रवेश की इजाजत नहीं देने का निर्णय लिया गया। आगरा के कैलाश महादेव मंदिर में भी छोटे कपड़े पहनकर नहीं आने का निर्देश जारी किया गया है। कई अन्य मंदिरों के मामले पहले भी आते रहे हैं।