- फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठने वाली एक लड़की से खाना बांटने वाले लड़के को हो गया प्यार और कर ली शादी
- लड़की के भैया- भाभी ने लड़की को घर से निकाल दिया था, माँ बीमार रहती है
मनोज रौतेला की रिपोर्ट
कानपुर/दिल्ली : खबर उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर से है. लॉकडाउन में एक तरफ देश में हजारों लोगों ने अपनी शादी टाल दी, तो वहीं कानपुर में इसी दौरान एक गरीब अनाथ लड़की की शादी हो गयी. जो चर्चा का विषय बनी हुई है। फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठने वाली एक लड़की से खाना बांटने वाले लड़के को हो गया प्यार और कर ली शादी।
कानपुर की नीलम नाम की लड़की के पिता नहीं हैं, माँ पैरालेसिस से पीड़ित है, भैया-भाभी ने मारपीट कर घर से भगा दिया था। उसके पास गुजारा करने को कुछ नहीं था, इसीलिए रोज नीलम लॉकडाउन के दौरान खाना लेने के लिए फुटपाथ पर भिखारियों के साथ खाने के लाइन में बैठती थी। पेट तो भरना ही था। पेट की भूख क्या क्या नहीं कर देती है। वहीँ अनिल नाम का लड़का अपने मालिक के साथ रोज सबको खाना देने आता था। अनिल मालिक की गाड़ी चलाता है. इसी दौरान अनिल को जब नीलम की मजबूरियों का पता चला, तो उसे नीलम से प्यार हो गया। कहते हैं न प्यार कब कहाँ हो जाये कुछ पता नहीं।
फिर क्या था भिखारियों की लाइन से निकलकर नीलम उसके सात जन्मों की हमसफ़र बन गई। वहीँ नीलम को तो अभी तक अपनी शादी को किसी सपने से कम नहीं लग रही, तो अनिल अपनी शादी को लॉकडाउन गिफ्ट मान रहा है।
अनिल पेशे से ड्राइवर है, वो जब दिन में खाना बांटकर आता था, तो नीलम की चर्चा अपने मालिक से करता था। उसके मालिक ने उसकी भावना को समझा। उन्होंने उसे समझाया दिन में तो तुम उसे खाना दे आते हो, लेकिन रात में वो क्या खायेगी। फिर क्या था, तब से अनिल रात में खुद खाना बनाकर कई दिनों तक नीलम को देने जाने लगा। इसके बाद अनिल के मालिक ने उसके पिता को शादी के लिए राजी किया और वरमाला की मंजिल तक दोनों को पहुंचा दिया। भगवान बुद्ध के आश्रम में नीलम की बेजान दुनिया आबाद हो गई। इस शादी में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कई संभ्रांत लोगों ने शामिल होकर वर वधू को आशीर्वाद भी दिया।
वैसे तो हर शादी जिंदगी का खूबसूरत अहसास लेकर आती है, लेकिन कभी-कभी कोई शादी ऐसी पटकथा लेकर सामने आती है, जिससे यही लगता है कि शादियां, शायद जिंदगी को रचने वाले भगवान की फ़िल्म का ही एक मंचन है। साथ ही वो पहले से ये तय कर के रखता है कि किसको, किसके जन्मों का साथी बनाना है, कम से कम अनिल और नीलम की शादी की कहानी तो यही दर्शाती है। साथ ही इस लॉक डाउन ने इंसान का एक घर बसा दिया।