उत्तर प्रदेश पुलिस ने विदेश हो रहे ड्रग्स के कारोबार चौंकाने वाला खुलासा किया है. आरोपी स्काइप ऐप से इस हाई प्रोफाइल अपराध को अंजाम दे रहे थे. गोंडा पुलिस ने राज्यव्यापी अभियान के तहत इस काले कारोबार का खुलासा किया. पुलिस अधीक्षक गोंडा आकाश तोमर कई सीओ और थाना प्रभारियों व साइबर/सर्विलांस सेल ने इस पूरे अभियान में आरोपियों तक पहुंचने के लिए संयुक्त कोशिश की.
ऐसे हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
अभियान के दौरान गोण्डा लखनऊ रोड स्थित महिन्द्रा एजेन्सी के पास 30 अक्टूबर की रात तकरीबन 12.30 बजे हुंडई वरना कार से अब्दुल हादी, अब्दुल बारी, विशाल श्रीवास्तव को नशीली गोलियों का लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार करते गिरफ्तार किया. अब्दुल हादी के पास से नशीली गोलियों का जखीरा बरामद हुआ जिसे उसके द्वारा बतौर सैम्पल अपने पास रखकर उनकी फोटो अपने ग्राहकों को भेजता था. अब्दुल हादी के पकड़े जाने से नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर रैकेट का खुलासा हो सका.
इन दवाओं का होता था कारोबार
आरोपियों के पास से प्रतिबंधित नशीली दवा अल्प्रासेफ 54 पत्ता (540 टैबलेट), लैपटाप, चार मोबाइल, हार्ड डिस्क, एटीएम कार्ड, मेडिकल विजिटिंग कार्ड, हुंडई वर्ना बरामद हुई है. पुलिस के मुताबिक अब्दुल हादी द्वारा अमेरिका व यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं के बिक्री हेतु Skype App पर अपना अकाउंट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम शुरू किया गया था.
करोड़ों की ऑनलाइन ड्रग ट्रैफिकिंग
सभी आरोपी 3 साल से लगभग 5 करोड़ रूपये का प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री आनलाइन तरीके से किया गया और करीब 2 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्त किया गया. आरोपी अलग-अलग ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपने मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नम्बरों से व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी कस्टमर्स का डेटा प्राप्त करते थे . प्राप्त डेटा के माध्यम से कस्टमर्स/प्रोवाइडर से चैट/बात कर मांग के अनुसार लोकल वेण्डर्स से कस्टमर को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई वहां के स्थानीय वेण्डर्स से कराते थे.