सुनील कुमार की रिपोर्ट
उत्तरकाशी l जंगल मे आग की घटनाओ के चलते उत्तरकाशी मुख्यालय में धुंए का अम्बार होगया है। धुंए से आम लोगों के गले और आंखों में जलन होने लगी है। वनों में आगजनी के चलते बन विभाग के दर्जन से अधिक कर्मचारी आग को बुझाने में जीजान से लगे हुए है। किंतु वनों में आग लगने से जंगली पशु पक्षियों को भी आग से अपने आश्रय छोड़ कर नगर में देखा गया है वही नगर के आसपास जंगली जानवरों को बड़ी संख्या में देखा गया है। वही धुंए का बबंडर शहर के ऊपर मंडरा रहा है जिसकारण बच्चों ओर बीमारी से जूझ रहे नागरिको की समस्या बढ़ने लगी है।
वही वरिष्ठ फिजीशियन डॉ पोखरियाल का कहना है कि इन दिनों उत्तरकाशी अस्पताल में बच्चों में धुंए के कारण हो रहे पोलूशन के चलते ब्रोकाईटिस, आंखों में जलन, अस्थमा के रोगियों में सांस लेने में भारी समस्या देखी जा रही है। एलर्जी डायरिया, हाइपरटेंशन, चिड़चिड़ा पन आधी के रोगी जिला अस्पताल में अधिक देखे जारहे है। इनदिनों डायरिया से संक्रमित बच्चे अधिक पाये जारहे है जिसके पीछे की मुख्य वजह वायुवतावरण में धुंए हो होना है। अस्पताल में गले व आंख से सम्बंधित रोगीयों की संख्या में भी इजाफ़ा देखा गया है। मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है टाइफाइड, राइनाइटिस आवाज में भारीपन धुएं के करण बढ़ रहे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों को इससे बचने के उद्देश्य से माता पिता को बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही हार्ड के पेशेंट को नियमित डॉक्टर की सलाह के अनुरूप गतिविधि कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
वही यात्रा से पहले उत्तरकाशी के जंगलों में आग लगे होने से वातावरण में गर्मी, ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ रहा है।