नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने गुरुवार (22, अगस्त) को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग का आयोजन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के साथ पर्यवेक्षकों को उनके आवंटित निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले झूठे प्रोपेगेंडा के प्रति सतर्क रहने की भी सलाह दी ताकि समय पर कार्रवाई हो सके।
पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि आयोग के प्रतिनिधियों के रूप में पर्यवेक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे पेशेवर बनें और उम्मीदवारों तथा जनता सहित सभी हितधारकों से मिलें। उन्होंने पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले झूठे प्रोपेगेंडा के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी ताकि समय पर कार्रवाई हो सके। राजीव कुमार ने उन्हें यह सलाह भी दी कि भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करें और सुनिश्चित करें कि संचार में कोई अंतराल न हो।
इस दौरान चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया पर्यवेक्षकों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए संपूर्ण चुनाव पारिस्थितिकी तंत्र का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव उत्सुकता से लड़े जाते हैं, यह देखते हुए इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
आज नई दिल्ली के रंग भवन सभागार में आयोजित ब्रीफिंग में आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं के 400 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में लगभग 200 सामान्य पर्यवेक्षक, 100 पुलिस पर्यवेक्षक और 100 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जाने हैं।