मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत मुंबई में 12 ठिकानों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई रियाल्टो एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड, पुष्पक बुलियन प्राइवेट लिमिटेड, चंद्रकांत पटेल और बाकी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी के मामले में की गई. इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए जिनमें अचल संपत्तियों और बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं.
ED को जानकारी मिली थी कि ये कंपनियां और व्यक्ति मिलकर बैंकों से फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर कर्ज ले रहे थे और फिर धनराशि को अलग-अलग कंपनियों और खातों में ट्रांसफर कर देते थे. इस घोटाले में कुछ बैंक अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है.
ED की छापेमारी में बड़ी रकम और अहम दस्तावेज बरामद
ED की टीम ने छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत जुटाए हैं जिनमें बड़ी धनराशि, संपत्तियों के डॉक्यूमेंट्स और संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक डेटा शामिल हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है.
लोन घोटालों पर सरकार और एजेंसियों की सख्त नजर
देश में बैंक धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे मामलों के बाद भी कई कंपनियां और कारोबारी बैंकों से लोन लेकर उसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. सरकार और जांच एजेंसियां लगातार इन पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं.
ED की सख्त कार्रवाई, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी संभव
ED अब इस घोटाले में शामिल सभी बैंक खातों और संपत्तियों की गहन जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि इसके तहत आरोपियों की गिरफ्तारी भी संभव है. साथ ही संबंधित कंपनियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है. इस कार्रवाई से बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ा संदेश गया है.