नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सूबे में चुनावी माहौल के बीच कथित कोयला घोटाले की छानबीन को लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। पिछले दो दिनों के दौरान ईडी ने कोयले पर कथित अवैध लेवी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने रायपुर दफ्तर में कांग्रेस के दो नेताओं गिरीश देवांगन और देवेंद्र यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी ने कांग्रेस के अधिवेशन से ठीक पहले इस केस की छानबीन के संबंध में सूबे के कांग्रेस के कुछ नेताओं और पदाधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। सूत्रों की मानें तो सूबे के कई कांग्रेस नेता ईडी के रडार पर हैं। इस रिपोर्ट में जानें किन नेताओं पर है प्रवर्तन निदेशालय की नजर…
कोयला घोटाले में बड़े सिंडिकेट की भूमिका
अपने नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से आहत कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापों को राजनीति से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि BJP राजनीतिक विरोधियों की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं ईडी ने आरोप लगाया है कि कोयले पर प्रति टन 25 रुपये का अवैध शुल्क लगाने के पीछे नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों का एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था।
इन नेताओं पर ईडी की पैनी नजर
ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है कि यह सिंडिकेट अवैध लेवी वसूली कर रहा था और हर दिन लगभग 2 से 3 करोड़ की कमाई कर रहा था। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई नेता ईडी की जांच के दायरे में हैं। इन नेताओं से पूछताछ या इनके ठिकानों पर छापेमारी की प्रक्रिया चल है। फिलहाल कथित घोटाले में इन नेताओं की भूमिका को लेकर ईडी की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
1- गिरीश देवांगन
रायपुर जिले के खरोरा कस्बे के निवासी गिरीश देवांगन (Girish Dewangan) सीएम भूपेश बघेल के करीबी बताए जाते हैं। सीएम बघेल और देवांगन ने साइंस कॉलेज रायपुर में साथ पढ़ाई की है। मौजूदा वक्त में उनके पास कैबिनेट मंत्री और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (CMDC) के चेयरमैन का पद है। देवांगन 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव (संगठन) के पद पर थे।
2- देवेंद्र यादव
देवेंद्र यादव भिलाई से विधायक हैं। यादव भिलाई नगर निगम के सबसे कम उम्र के महापौर हैं। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रेम प्रकाश पांडे को हराया था। देवेंद्र यादव एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ के तेज तर्रार युवा नेता के तौर पर उनकी पहचान है। देवेंद्र को उनकी टीम के साथ भारत जोड़ो यात्रा के प्रबंधन को लेकर शीर्ष नेतृत्व की ओर से काफी सराहना मिली थी।
3- आरपी सिंह
आरपी सिंह छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। वह टीवी डिबेट्स में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनको बेबाक प्रतिक्रियाओं के लिए जाना जाता है। उन्हें पार्टी के उन गिने-चुने लोगों में माना जाता है, जिनकी सीएम आवास तक सीधी पहुंच है।
4- विनोद तिवारी
विनोद तिवारी युवा कांग्रेस नेता के रूप में पार्टी के भीतर जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह अजीत जोगी की जनता कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस में शामिल हो गए।
5- सन्नी अग्रवाल
सन्नी अग्रवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं। वह छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष हैं। कभी वह पीएल पुनिया के करीबी थे। उनको गिरीश देवांगन और रामगोपाल अग्रवाल (कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष) का भी करीबी माना जाता है।
6- रामगोपाल अग्रवाल
रामगोपाल अग्रवाल कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं। वह नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमैन भी हैं। वह धमतरी से आते हैं। वह उसी सीट से विधायक बनना चाहते हैं। उनको सीएम भूपेश बघेल का विश्वासपात्र माना जाता है।
7- चंद्रदेव प्रसाद राय
चंद्रदेव प्रसाद राय बलौदा बाजार जिले के बिलाईगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। वह 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘शिखाकर्मी आंदोलन’ के नेता थे। इसी वजह से उन्हें कांग्रेस से टिकट मिला था। ईडी ने उनके परिसरों पर छापा मारा था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनको पूछताछ के लिए तलब किया था।
सीएम बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी पर कसा था शिकंजा
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल 11 अक्टूबर को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई और व्यवसायी सुनील अग्रवाल समेत तीन लोगों को मनीलॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक इस मामले का कथित मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी है। ईडी ने पिछले साल 2 दिसंबर को सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि सौम्य चौरसिया के व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि वह सूर्यकांत तिवारी को सरकार की गोपनीय जानकारियां साझा कर रही थी।