भोपाल: मध्य प्रदेश के स्कूलों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश की मोहन यादव सरकार के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग एजुकेशन सिस्टम में एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। दरअसल, राज्य में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तर्ज पर ‘वन स्टूडेंट वन इनरोलमेंट’ प्लानिंग की जा रही है। फिलहाल स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से वन स्टूडेंट वन इनरोलमेंट को लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
क्या है ‘वन स्टूडेंट वन इनरोलमेंट’?
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, ‘वन स्टूडेंट वन इनरोलमेंट’ से बच्चों के जगह बदलने के बाद भी पढ़ाई में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। राज्य में बच्चे एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर एक ही इनरोलमेंट नंबर से आगे की पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों के लिए एक कार्ड बनाया जाएगा, जिस पर इनरोलमेंट नंबर होगा। इस कार्ड के जरिए से बच्चों को दूसरे जिले के स्कूल में बिना किसी परेशानी के एडमिशन मिल जाएगा। इससे बीच सेशन में भी बच्चों को एडमिशन हो जाएगा। इस ‘वन स्टूडेंट वन इनरोलमेंट’ से स्कूल ड्रॉपआउट के मामले भी कम होंगे।
मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग का बजट
बता दें कि, मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल के अंतरिम बजट में 4 महीनों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि प्रावधान की है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सीएम राइज स्कूल योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पूरे मध्य प्रदेश में 9,200 सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे। इनमें से हर एक स्कूल में 2 हजार से 3 हजार छात्र पढ़ाई करेंगे।