देहरादून : उत्तराखंड में अप्रैल से बिजली की दरों में 23 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली दरों को 23 प्रतिशत बढ़ाने पर मुहर लगी। हालांकि बढ़ी हुई दरों पर अभी विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा और उसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
यूपीसीएल मुख्यालय में शनिवार को यूपीसीएल की बोर्ड बैठक हुई जिसमें अप्रैल से बिजली दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव ने बिजली दरों को 23 प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी दिए जाने की पुष्टि की है।
हर साल बढ़ रहे बिजली के रेट
राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार चल रहा है। इस साल बिजली दरों में 9.64 प्रतिशत जबकि पिछले साल 2.68 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई थी। जटिल होता जा रहा बिजली दरों का गणित बिजली की दरों का गणित राज्य में लगातार जटिल होता जा रहा है।
अप्रैल में दरों में बढ़ोत्तरी के साथ ही हर महीने भी बिजली की दरें बदल रही हैं। जिससे कई उपभोक्ता दर के चक्कर में उलझ रहे हैं। इसके साथ ही अलग अलग तरह के सरचार्ज में बदलाव से भी लोगों को बिजली बिलों का गणित समझ नहीं आ रहा।
चुनावों के बीच दर बढ़ाने की चुनौती
यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों को बढ़ाने की मंजूरी तो मिल गई है। लेकिन अप्रैल में नई दरें लागू करना यूपीसीएल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अगले साल देश में आम चुनाव हैं जिसकी प्रक्रिया मई तक चलेगी। ऐसे में अप्रैल में चुनावों के बीच बिजली दरों को बढ़ाना मुश्किल हो सकता है।
27 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
राज्य में बिजली के 27 लाख उपभोक्ता हैं। ऐसे में बिजली दरों में इजाफे का इन सभी उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। बिजली की बढ़ रही दरों से आम उपभोक्ता पहले ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और दरें बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
बोर्ड बैठक में दिए गए यह तर्क
राज्य में बिजली दरों को बढ़ाने के पीछे यूपीसीएल के अधिकारियों ने तर्क दिए की इस साल एसजेवीएनएल ने अपनी दरों में 38.46 प्रतिशत, टीएचडीसी ने 19.39 प्रतिशत, एनटीपीसी ने 72.28 प्रतिशत, यूजेवीएनएल ने 24.01प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में यूपीसीएल को 23 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की जरूरत पड़ेगी।