Saturday, June 7, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home मुख्य खबर

व्यवसाईयों एवं एमएसएमई क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध हुई आपात ऋण गारंटी योजना

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
04/02/22
in मुख्य खबर, व्यापार
व्यवसाईयों एवं एमएसएमई क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध हुई आपात ऋण गारंटी योजना

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

प्रहलाद सबनानीप्रहलाद सबनानी
सेवा निवृत्त उप महाप्रबंधक
भारतीय स्टेट बैंक


कोरोना महामारी के प्रथम दौर के काल में केंद्र सरकार द्वारा मई 2020 में आपात ऋण गारंटी योजना को प्रारम्भ किया गया था जिसके अंतर्गत विभिन्न बैंकों द्वारा एमएसएमई इकाईयों को प्रदान किए जाने वाले आपात ऋण की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने इस योजना के अंतर्गत प्रदान किए गए ऋणों की समीक्षा करने पर यह पाया है कि आत्म निर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत लाई गई आपात ऋण गारंटी योजना ने लाखों सूक्ष्म, छोटे एवं मझोले उद्यमों तथा छोटे छोटे व्यापारियों को डूबने से बचा लिया है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी उक्त प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि इस योजना द्वारा न केवल 13.5 लाख एमएसएमई इकाईयों को कोरोना महामारी के दौर में बंद होने से बचाया गया है बल्कि 1.5 करोड़ लोगों को बेरोजगार होने से भी बचा लिया है। इसी प्रकार एमएसएमई के 1.8 लाख करोड़ रुपए की राशि के खातों को विभिन्न बैंकों में गैर निष्पादनकारी आस्तियों में परिवर्तिति होने से भी बचा लिया गया है। उक्त राशि एमएसएमई इकाईयों को प्रदान किए गए कुल ऋण का 14 प्रतिशत है। ज्ञातव्य हो कि कोरोना महामारी की प्रथम लहर के दौरान विभिन्न उद्योगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 4.5 लाख करोड़ रुपए की आपात ऋण गारंटी योजना प्रारम्भ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा प्रदान की गई कुल ऋणराशि में से 93.7 फीसदी राशि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों को प्रदान की गई है। छोटे व्यवसायी (किराना दुकानदारों सहित), फुड प्रोसेसिंग इकाईयों एवं कपड़ा निर्माण  इकाईयों को भी इस योजना का सबसे अधिक लाभ मिला है। गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश ने इस योजना का सबसे अधिक लाभ उठाया है।

आपात ऋण गारंटी योजना को मई 2020 में केंद्र सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया था। एमएसएमई इकाईयों एवं व्यवसायियों, जिन्होंने बैंकों से 50 करोड़ रुपए तक का ऋण लिया हुआ था, को उनके द्वारा वर्तमान में उपयोग की जा रही बैंक ऋण राशि का 20 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त की गई आपात गारंटी के अंतर्गत प्रदान किया गया था ताकि वे कोरोना महामारी की मार से ग्रसित अपने व्यावसायिक इकाई को उबार सकें। अगस्त 2020 में इस योजना का लाभ मुद्रा योजना के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों एवं व्यापार करने के उद्देश्य से प्रदान किए व्यक्तिगत ऋणों को भी उपलब्ध कराया गया था।

उक्त योजना की सफलता को देखते हुए नवम्बर 2020 में इस योजना का लाभ कामथ कमेटी द्वारा निर्धारित किए गए अर्थव्यवस्था के 26 अन्य क्षेत्रों की इकाईयों एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली इकाईयों, जिन्हें बैंकों द्वारा 50 करोड़ रुपए से अधिक परंतु 500 करोड़ रुपए तक की ऋणराशि इस योजना के प्रारम्भ होने के पूर्व ही स्वीकृत की गई थी, को भी उपलब्ध करा दिया गया था। मार्च 2021 में इस योजना का लाभ ट्रैवल एवं टूरिज़्म, हॉस्पिटैलिटी, खेल कूद एवं सिविल एवीएशन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत इकाईयों को उनके द्वारा 29 फरवरी 2020 के दिन में समस्त बैंकों द्वारा प्रदान की गई ऋण राशि का 40 प्रतिशत एवं अधिकतम 200 करोड़ रुपए की राशि तक उपलब्ध करा दिया गया था। इन इकाईयों को इस अतिरिक्त ऋणराशि को 2 वर्ष की मोरेटोरीयम अवधि को मिलाकर कुल 6 वर्षों में अदा करने का प्रावधान किया गया था।

हालांकि कोरोना महामारी के दौरान लागू किए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बहुत विपरीत रूप से प्रभावित हुए व्यापारियों एवं लघु उद्योग को बचाने के उद्देश्य से ही केंद्र सरकार ने उक्त योजना की घोषणा की थी। इस योजना के सफलता की कहानी उक्त वर्णित आंकड़े बयां कर रहे हैं। छोटे व्यापारियों एवं सूक्ष्म तथा लघु उद्यमियों को इस योजना का बहुत अधिक लाभ मिला है। ऋण के रूप में प्रदान की गई अतिरिक्त सहायता की राशि से इन उद्यमों को तबाह होने से बचा लिया गया है। इस योजना का लाभ 31 मार्च 2022 तक की अवधि तक ही उपलब्ध रहेगा। प्रारम्भ में तो यह योजना एमएसएमई इकाईयों के लिए प्रारम्भ की गई थी परंतु बाद में छोटे व्यापारियों एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली इकाईयों, आदि को भी इस योजना के दायरे में लाया गया था। इस योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले ऋणराशि की किश्तों को अदा करने के लिए एक वर्ष की मोरेटोरियम अवधि स्वीकृत की गई है अर्थात ऋण प्राप्त करने के एक वर्ष बाद ही ऋण के किश्तों की अदायगी प्रारम्भ होनी होती है एवं इसके बाद के तीन वर्षों में ब्याज सहित ऋण की अदायगी समान किश्तों में करनी होती है। अब छोटे छोटे व्यापारियों एवं एमएसएमई इकाईयों द्वारा यह मांग की जा रही है कि ब्याज सहित ऋण के किश्तों की अदायगी करने की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इन इकाईयों के लिए अतिरिक्त कैश फ्लो तो बना नहीं है साथ ही किसी प्रकार की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता भी नहीं जोड़ी गई है, केवल वर्तमान उत्पादन क्षमता को ही पुनः प्रारम्भ किया गया है। अतः बैंकों को छोटे व्यापारियों एवं एमएसएमई इकाईयों की इस मांग पर गम्भीरता से विचार किया जाना चाहिए। उक्त योजना के लागू किए जाने से बैकों को भी लाभ हुआ है क्योंकि समस्त बैकों की गैर निष्पादनकारी आस्तियों में उक्त योजना के चलते बहुत कमी दृष्टिगोचर हुई है।

उक्त योजना के अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा सस्ती ब्याज दरों पर लघु उद्योग एवं व्यापारियों को 10 लाख रुपए तक के ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण योजना को अप्रेल 2015 में बैंकों के माध्यम से लागू किया गया था। उक्त योजना के अंतर्गत विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जा रहे ऋणों पर उधारकर्ता से प्रतिभूति नहीं ली जाती है अतः इस प्रकार के ऋण बैंकों से आसान शर्तों पर मिल जाते हैं।

चूंकि आपात ऋण गारंटी योजना का कार्यकाल 31 मार्च 2022 को समाप्त हो जाएगा अतः इस योजना की सफलता को देखते हुए इसके अच्छे बिंदुओं को बैंकों में पिछले लगभग दो दशकों से चल रही इसी प्रकार की सीजीटीएमएसई योजना में शामिल किया जाना चाहिए। वर्तमान में  सीजीटीएमएसई योजना का लाभ विभिन्न बैंकों द्वारा अपने बहुत कम हितग्राहियों को दिया जा रहा है। अतः इस विषय पर बहुत गम्भीर चिंतन करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार द्वारा चालू की जा रही इस प्रकार की योजनाएं यदि सभी बैंकों द्वारा अच्छे तरीके से लागू की जाती हैं तो छोटे व्यवसाईयों एवं एमएसएमई इकाईयों को बैंकों द्वारा ऋण प्रदान करने में आसानी होगी एवं इस प्रकार के ऋणों पर सरकार की अथवा सीजीटीएमएसई की गारंटी उपलब्ध रहेगी एवं बैंकों पर हितग्राहियों द्वारा ऋण की अदायगी नहीं किए जाने के सम्बंध में जो लगातार दबाव बना रहता है, जिसके चलते कई बैंक तो छोटे छोटे व्यवसायियों एवं एमएसएमई इकाईयों को ऋण प्रदान करने से ही कतराते हैं, वह भी कम हो जाएगा।


ये लेखक के अपने निजी विचार है l

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.