सीधी l केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण एवं रक्षा संस्थानों के हड़ताल पर प्रतिबंध के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा भारतीय जीवन बीमा निगम कर्मचारी यूनियन एआईआईए के आह्वान पर 23 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने की नीति पर तथा मजदूरों के अधिकारों पर हमले का विरोध करने के लिए विरोध सभा तथा विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
बीमा कर्मचारियों के अखिल भारतीय संगठन ऑल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज यूनियन के आह्वान पर एलआईसी के सभी कर्मचारियों ने कार्यालय के सामने भोजन अवकाश के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र और उसके कर्मचारियों पर सरकार द्वारा घोषित चौतरफा युद्ध के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए द्वार प्रदर्शन किया l आर्थिक मामलों के केंद्रीय समिति ने एलआईसी में प्रस्तावित आईपीओ को मंजूरी देते हुए सरकार द्वारा बेचे जाने वाले शेयर का प्रतिशत तय करने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाले समूह को अधिकृत किया है l
ज्ञात हो कि एलआईसी हर पंचवर्षीय योजना में अरबों रुपए सरकार को अनुदान देती है साथ ही अपने कुल लाभ का 5% केंद्र सरकार को तथा 95% पॉलिसी धारकों को देती है परंतु सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों को खुश करने हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम को कमजोर करने की लगातार कोशिश कर रही है इस हेतु उसने भारतीय जीवन बीमा अधिनियम 1956 में अपने हिसाब से संशोधन करने शुरू कर दिए हैं, जिसमें निगम के बोर्ड में निगम के कर्मचारियों के अलावा अन्य अशासकीय सदस्यों को शामिल करना भी शामिल है जो कि एलआईसी की स्वायत्तता पर गहरी चोट है।
एआईआईईए का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से कर्मचारी यह संदेश देना चाहते हैं कि सरकार की एलआईसी को कमजोर बनाने की हर कोशिश का कर्मचारी मुंहतोड़ जवाब देने को प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर सीधी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ब्रजेश गुप्ता, सचिव केपी दहिया, अशोक केवट विजय शुक्ला ,एसपी कुमहार, शालिनी पांडे, आकांक्षा तिवारी, मोती लाल केवट, दिनेश केवट, निलेश, प्रमोद, संतोष, राजेश आदि उपस्थित रहे।