जयपुर. राजस्थान के कृषि विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले कर्मचारी सावधान हो जाएं. भजनलाल सरकार जल्द ही ऐसे कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा रही है. कृषि आयुक्तालय ने फर्जीवाड़ा कर विभाग में नौकरी हथियाने वाले मामलों की जांच के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन कर दिया है. कार्मिक विभाग और एसओजी के निर्देशों पर विभाग में बीते पांच साल में की गई भर्तियों की जांच की जाएगी. इन कमेटियों को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि इसके तहत फर्जी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज पेश कर नौकरी पाने वाले कथित लोकसेवकों की जांच की जा रही है. इसमें भर्ती एजेंसियों की ओर से विभाग को विभिन्न संवर्गो के चयनित अभ्यर्थियों के उपलब्ध कराए गए हैं. इसके साथ ही आवेदन पत्र, हस्ताक्षर, शैक्षणिक योग्यता, जाति और मूल निवास समेत अन्य सर्टिफिकेट्स की जांच की जाएगी.
फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
गालरिया ने बताया कि जांच के लिए विभाग ने अलग अलग कमेटियों का गठन किया है. इसमें आयुक्तालय स्तर पर चार सदस्यीय और संभाग स्तर पर 5 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी. विभाग में बीते पांच साल में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर और वाटरशेड डिपार्टमेंट में इंजीनियर पदों पर भर्ती हुई हैं. जब इन पदों पर भर्तियां हुई थी तब भर्ती एजेंसी की ओर से ही अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया था. लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर अब फिर से दस्तावेजों की जांच की जाएगी. जांच में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा
भर्तियों में गडबड़ी को लेकर अलग-अलग विभागों में जांच जारी है. एजेंसियों को शक है कि कई कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हथिया ली है. ऐसे में एक बार फिर से दस्तावेजों की जांच की जा रही है. बहरहाल इस जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इसके साथ ही उन बेरोजगारों को भी मौका मिलेगा जिनकी नौकरी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुन्ना भाइयों ने छीन ली है.