नई दिल्ली। ब्रिटिश नौसेना, जिसने हाल के महीनों में यमन के खिलाफ अमेरिकी गठबंधन में सक्रिय रूप से और गंभीरता से हिस्सा लिया है, उसने अब दावा किया कि ईरान और इजरायली शासन के बीच तनाव का लंदन से कोई संबंध नहीं है और ब्रिटेन फिलिस्तीनी तटों के खिलाफ अमेरिकी ऑपरेशन में हिस्सा नहीं लेगा.
ब्रिटेन ने कहा कि इजराइल पर इस्लामिक गणराज्य द्वारा हमले की बढ़ती संभावना के साथ, ब्रिटिश नौसेना और वायु सेना संघर्ष के समय में इस देश के नागरिकों को मध्य पूर्व से निकालने के लिए तैयार हैं.
ईरान का इजराइल पर हमला
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि इस महीने ईरान इजराइल पर हमला करेगा. बाइडन ने ईरान की तरफ से इजराइल पर होने वाले हमले की उम्मीद जताते हुए कहा कि हम इजराइल की रक्षा करेंगे, हम इजराइल का समर्थन करेंगे. हम इजराइल की रक्षा में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा.दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ईरान ने संभावित हमले के लिए सौ से अधिक क्रूज मिसाइलें तैयार की हैं.
ईरान ने भेजा अमेरिका को संदेश
ईरान ने इस हफ्ते की शुरुआत में कई अरब देशों के माध्यम से बाइडेन प्रशासन को एक संदेश भेजा, जिसमें उसने कहा कि अगर अमेरिका इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई में शामिल होता है, तो अमेरिकी सेना पर हमला किया जाएगा. पिछले हफ्ते दमिश्क में एक शीर्ष ईरानी जनरल की हत्या करने वाले हवाई हमले के लिए अमेरिका और इजराइल ईरान द्वारा इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं.
ईरानी सर्वोच्च नेता ने इजराइल के लिए “दंड” की धमकी दी है.तीन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हाल के दिनों में ईरानियों ने कई अरब सरकारों को बताया कि वो अमेरिका को इजरायली हमले के लिए जिम्मेदार मानते हैं, जिसमें दमिश्क में ईरानी जनरल की मौत हो गई थी, भले ही अमेरिका ने खुद को हमले से दूर रखने की कोशिश की हो.
ईरान ने क्या कहा
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, अमेरिका का कहना है कि हमले में उसकी कोई भागीदारी नहीं थी. ईरानी संदेश यह था कि अगर इजरायल पर ईरानी हमले के बाद अमेरिका शामिल होता है, तो क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर हमला किया जाएगा. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ईरानी संदेश यह था कि हम उन ताकतों पर हमला करेंगे जो हम पर हमला करती हैं, इसलिए हमारे साथ झगड़ा न करें और हम आपके साथ भी झगड़ा नहीं करेंगे.