नई दिल्ली: महाकुंभ 2025 के आयोजन को केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सुरक्षा के मामले में भी ऐतिहासिक बनाने की तैयारी हो रही है। पहली बार इस महापर्व में 200 विशेष रूप से प्रशिक्षित फायर कमांडो तैनात किए जा रहे हैं। ये कमांडो आग जैसी किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम होंगे। इन कमांडो को खास तौर पर कुंभ मेला के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
विशेष प्रशिक्षित बचाव समूह तैनात करने की नई पहल
महाकुंभ में सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए विशेष बचाव समूह (एसटीआरजी) का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अग्निशमन, पद्मजा चौहान के अनुसार, यह समूह एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तर्ज पर तैयार किया गया है। इन फायर कमांडो को एनडीआरएफ और सीआईएसएफ हैदराबाद द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। 200 कर्मचारियों को 10-10 सदस्यों के 20 समूहों में विभाजित किया गया है, जो महाकुंभ के अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहेंगे।
हाईटेक उपकरणों का होगा उपयोग, लगेंगे रोबोटिक फायर टेंडर
इस बार महाकुंभ में आधुनिक तकनीक का उपयोग सुरक्षा के लिए किया जाएगा। पहली बार तीन रोबोटिक फायर टेंडर शामिल किए गए हैं। इनका वजन मात्र 20-25 किलोग्राम है और इन्हें आसानी से ऐसी जगहों पर ले जाया जा सकता है जहां दमकलकर्मी पहुंच नहीं सकते। ये टेंडर सीढ़ियों पर चढ़ने में भी सक्षम हैं।
इसके अलावा महाकुंभ में आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर का उपयोग किया जा रहा है। यह टावर 35 मीटर की ऊंचाई तक पानी की बौछार कर आग बुझा सकता है। इसमें लगा हाईटेक कैमरा आग की वास्तविक स्थिति का सटीक आकलन करता है, जिससे बचाव कार्य तेजी से हो सके।
दैनिक फायर ऑडिट और सख्त निगरानी
आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने दैनिक फायर ऑडिट का प्रावधान किया है। प्रत्येक शिविर में सफाई कर्मियों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ब्लोअर, इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों का उपयोग न हो। महाकुंभ 2025 की सुरक्षा के लिए सरकार ने अग्निशमन विभाग को 67 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो पिछले कुंभ के 6 करोड़ रुपये के बजट से 10 गुना अधिक है। यह दर्शाता है कि इस बार आग से सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इस बार महाकुंभ का क्षेत्र 800 हेक्टेयर बढ़ाया गया है और टेंट की संख्या 80,000 से बढ़ाकर 1,80,000 कर दी गई है। महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रशासन ने हरसंभव कदम उठाए हैं। आधुनिक तकनीक, विशेष प्रशिक्षित कमांडो और विस्तृत सुरक्षा प्रबंधन के जरिए इस बार का महाकुंभ, श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार और सुरक्षित अनुभव साबित होगा।