भारतीय क्रिकेट टीम के 2022 में खराब प्रदर्शन, खास तौर पर टी20 वर्ल्ड कप में खिताब से चूकने के बाद नए साल में टीम को फिर से बेहतर बनाने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कुछ बड़े फैसले ले लिए हैं. बीते साल में टीम इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक के बाद BCCI ने टीम इंडिया में खिलाड़ियों के सेलेक्शन से लेकर वनडे विश्व कप की तैयारियों और IPL में खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों के मैनेजमेंट पर अहम निर्णय लिया हैं.
दो साल में लगातार दो बार भारतीय टीम टी20 विश्व कप में खिताब के करीब भी नहीं पहुंच पाई थी, जिसके बाद टीम इंडिया में बदलाव की मांग हो रही थी. साथ ही भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस और उनके बार-बार ब्रेक लेने लेकिन IPL जैसे टूर्नामेंटों में पूरा सीजन खेलने को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. फिर इस साल भारत में ही वनडे विश्व कप भी खेला जाना है.
वर्ल्ड कप, सेलेक्शन और वर्कलोड पर चर्चा
इन सब मुद्दों को लेकर BCCI ने रविवार 1 जनवरी को कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़, नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और मौजूदा चयन समिति के प्रमुख चेतन शर्मा के साथ रिव्यू मीटिंग की. इस मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी BCCI ने एक प्रेस रिलीज के जरिए दी. इसके मुताबिक,
“खिलाड़ियों की उपलब्धता, वर्कलोड मैनेजमेंट और फिटनेस के पैमाने जैसे मुद्दों के साथ ही ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए रोडमैप को लेकर भी लंबी चर्चा इस बैठक में हुई.”
BCCI के 3 बड़े फैसले
इस बैठक के बाद टीम इंडिया में नए खिलाड़ियों के सेलेक्शन, उनकी फिटनेस और IPL में प्रमुख खिलाड़ियों की हिस्सेदारी को लेकर 3 अहम फैसले लिए गए-
- राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य बनने के लिए उभरते हुए खिलाड़ियों को पर्याप्त मात्रा में घरेलू सीजन खेलना होगा.
- यो-यो टेस्ट और डेक्सा (DEXA) अब से सेलेक्शन का हिस्सा होगा और सेट्रल पूल के खिलाड़ियों (केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी) के कस्टमाइज रोडमैप (भूमिका और जरूरत के अनुसार) के आधार पर लागू किया जाएगा.
- मेंस FTP (फ्यूचर टूर प्रोग्राम) और ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, NCA चुने हुए भारतीय खिलाड़ियों की IPL 2023 में हिस्सेदारी पर नजर रखने के लिए IPL फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर काम करेगी.
यानी इससे साफ है कि अभी तक जिस तरह से सिर्फ एक या दो IPL सीजन में हिट होने के बाद नए खिलाड़ियों को किसी भी सीरीज के लिए टीम इंडिया में जगह मिलने लगी थी, अब ऐसा नहीं होगा. खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट (या IPL में भी) में कुछ सीजन तक खुद को तराशना होगा और लगातार बेहतर प्रदर्शन करने पर ही उन्हें मेहनत का इनाम मिलेगा.