नई दिल्ली। एक सुखी और खुशहाल परिवार की नींव एक महिला ही होती है, लेकिन कामकाज और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखने के चक्कर में महिलाएं अपना ही ध्यान रखना भूल जाती हैं। दरअसल, 30 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, मेटाबॉलिक समस्याएं और कुछ गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद स्वास्थ्य पर नजर रखने में मदद करने के लिए ये तीन मेडिकल स्क्रीनिंग जरूर करवाने चाहिए।
एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, लगभग एक अरब महिलाएं (जो 2022 में सर्वेक्षण की गई तीन में से एक है) का कहना है कि उन्होंने पिछले दिन का अधिकांश समय शारीरिक दर्द में बिताया। इसके अलावा चार में से एक महिला यानी लगभग 700 मिलियन महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जो उन्हें सामान्य डेली एक्टिविटी करने से रोकती हैं।
नियमित मेडिकल चेकअप से बीमारियों का जल्दी पता लगाने में मदद मिलती है, जिससे तुरंत कार्रवाई करने का रास्ता खुल जाता है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज की मेडिकल ऑन्कोलॉजी की वाइस चेयरमैन डॉ. मीनू वालिया के अनुसार, 30 की उम्र के बाद हर महिला को तीन मेडिकल टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट
पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट हर महिला के लिए जरूरी है, क्योंकि सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर तब तक आपको सचेत नहीं करता जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। HPV टेस्ट उस वायरस की जांच करता है जो ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है, जबकि पैप स्मीयर असामान्य कोशिकाओं की जांच करता है जो कैंसर में विकसित हो सकती हैं। 21 साल की उम्र में पैप स्मीयर शुरू करें और अगर आपके टेस्ट के नतीजे सामान्य हैं तो हर तीन साल में एक बार जरूर करना चाहिए। इसके अलावा 30 साल की उम्र के बाद हर पांच साल में HPV टेस्ट करवा सकते हैं या दोनों टेस्ट एक साथ करवा सकते हैं।
स्तन कैंसर स्क्रीनिंग
30 साल के बाद हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर की जांच जरूर करवानी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर दुनिया में महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। शुरुआती स्टेज में इसका पता चलने पर इलाज आसान होता है। अगर फैमिली हिस्ट्री है, तो 30 की उम्र के बाद हर 1-2 साल में मैमोग्राफी करवाएं। इसके अलावा हर महीने खुद से ब्रेस्ट चेक करें। अपने स्तनों के दिखने और महसूस करने की आदत डालें ताकि आप परिवर्तनों और शुरुआती लक्षणों (यदि कोई हो) का पता लगा सकें। डॉक्टर से अपने नियमित चेकअप के दौरान क्लिनिकल ब्रेस्ट टेस्ट करवाएं।
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
हार्ट से जुड़ी समस्या सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि आज के समय में 30 साल की महिलाएं भी इससे बहुत पीड़ित हैं। ऐसे में 30 साल के बाद हार्ट से लेकर शुगर की समस्या हो सकती है। शुगर के शुरुआती लक्षणों की जांच के लिए खाली पेट ब्लड शुगर परीक्षण करवाना सबसे अच्छा है, खासकर जिनमें मोटापा, पारिवारिक इतिहास या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे जोखिम कारक हैं। इसके अलावा हर चार से छह साल में कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (लिपिड प्रोफाइल) की आवश्यकता होती है। हाई कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।