देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे उत्तर प्रदेश के कई मरीजों का आयुष्मान कार्ड फर्जी पाया जा रहा है। यह कार्ड प्री ऑथराइजेशन में यूपी की स्टेट हेल्थ अथॉरिटी (एसएचए) से अप्रूव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनको निशुल्क इलाज नहीं मिल पा रहा है। शहर के कुछ निजी अस्पतालों ने तो यूपी के आयुष्मान कार्ड से इलाज करना बंद कर दिया है।
इससे पहले भी यूपी के मरीजों के फर्जी आयुष्मान कार्ड का मामला सामने आ चुका है। दून के अस्पतालों में यूपी के मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया गया, लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो राज्यों ने कहा कि यह कार्ड उनके यहां से अप्रूव नहीं हैं। कार्ड फर्जी हैं। इसके बाद से कुछ निजी अस्पतालों ने यूपी के आयुष्मान कार्ड से इलाज करना बंद कर दिया।
वहीं, दून अस्पताल आयुष्मान कार्ड ले रहा है, लेकिन इलाज शुरू करने से पहले वह यूपी की एसएचए से अप्रूवल लेता है। इसमें इलाज से पहले कार्ड की डिटेल प्री ऑथराइजेशन के लिए एसएचए के पास भेजा जाता है। कार्ड फर्जी होने की वजह से कार्ड वेरीफाई नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में इलाज के लिए अप्रूवल नहीं मिला पा रहा है।
अप्रूवल मिलने पर शुरू होता निशुल्क इलाज
दून अस्पताल के डिप्टी एमएस व आयुष्मान योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि मरीज यूपी का आयुष्मान कार्ड लेकर आते हैं तो प्री ऑथराइजेशन के तहत यूपी की एसएचए से अप्रूवल मांगा जाता है। रोजाना ऐसे एक-दो मरीज सामने आ रहे हैं जिनका अप्रूवल नहीं मिल पा रहा है। प्री ऑथराइजेशन में अप्रूवल मिल जाने पर कार्ड से इलाज शुरू हो जाता है।
पिछला भुगतान बाकी
बता दें कि उत्तराखंड से लगे हुए यूपी के जिलों के मरीज इलाज के लिए देहरादून आते हैं। इनमें सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, शामली आदि शामिल हैं। डॉ. डोभाल ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत यूपी, बिहार, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के मरीजों के इलाज का पिछला भुगतान भी अभी बकाया है।
बड़ा गिरोह सक्रिय होने का अंदेशा
ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि यूपी में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एक बड़ा गिरोह सक्रिय है जो लोगों के आयुष्मान कार्ड तो बना रहा है, लेकिन यह आयुष्मान कार्ड शासन स्तर से अप्रूव नहीं हैं। ऐसे में इलाज से पहले जब एसएचए से अप्रूवल मांगा जाता है तो कार्ड फर्जी बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों करीब 100 से अधिक ऐसे फर्जी कार्ड सामने आए थे। एक डॉक्टर के मुताबिक यूपी में 5000 रुपये देकर आयुष्मान कार्ड बनाने का गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह रुपये लेकर कार्ड बना देता है, लेकिन इलाज के समय यह कार्ड चलता नहीं है।
यूपी के आयुष्मान कार्ड वाले केस
दून अस्पताल में बिजनौर निवासी हार्ट के एक मरीज की बाईपास सर्जरी होनी थी, लेकिन यूपी का आयुष्मान कार्ड ही नहीं चला। दो दिन पहले मुजफ्फरनगर निवासी कैंसर का मरीज कीमोथेरेपी के लिए दून अस्पताल आया था, लेकिन मरीज का आयुष्मान कार्ड नहीं चला। इस समय भी बिजनौर की मरीज आईसीयू में भर्ती हैं जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं लग पाया है।