नई दिल्ली : यदि आप पतंजलि योग ग्राम, हरिद्वार में इलाज के लिए ऑन लाइन बुकिंग कराने की सोच रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा न हो कि आप किसी फर्जी वेबसाइट के चक्कर में फंसकर ठगी का शिकार हो जाएं। जी हां उत्तरी जिला पुलिस की साइबर थाना पुलिस ने पतंजलि योग ग्राम में आयुर्वेदिक इलाज कराने के नाम पर ऑन लाइन ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान गैंग सरगना रमेश पटेल उर्फ घंटू (31) उसके छोटे भाई आशीष कुमार उर्फ छोटू (22) और वेबसाइट डेवलपर हरेंद्र कुुमार उर्फ हैरी (25) के रूप में हुई है। हरेंद्र बीसीए पास है, फिलहाल वह पटना के कॉलेज से एमसीए कर रहा है। आरोपियों ने देशभर के सैकड़ों लोगों से लाखों की ठगी की है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पांच लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 19 सिमकार्ड, 12 डेबिट कार्ड, चार चेक बुक, छह पासबुक, वाइफाई मॉडम और 1.66 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं। साइबर थाना पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि गृहमंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर उत्तरी दिल्ली निवासी नितिन शर्मा ने 2.40 लाख ठगी की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उन्हें अपने बेटे का आयुर्वेदिक इलाज करवाना था। गूगल पर सर्च करने पर उनको पतंजलि योग ग्राम की वेबसाइट मिली, जिस पर एक नंबर उनको मिला। कॉल करने पर दूसरी ओर बैठे शख्स ने खुद को पतंजलि का डॉ. सुनील गुप्ता बताया। बातचीत के बाद पीड़ित से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 10 हजार रुपये मांगे। ऑन लाइन रकम का भुगतान कर दिया गया।
इसके बाद पीड़ित से धीरे-धीरे 2.40 लाख रुपये ठग लिये गए। शिकायत मिलने के बाद उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर, एसआई रोहित व अन्यों की टीम ने उन खातों की पड़ताल की जिनमें नितिन शर्मा ने पैसे ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा जिन मोबाइल नंबरों पर बात हुई थी, उनकी पड़ताल करने पर पता चला कि वह पश्चिम बंगाल से जारी हुए हैं, लेकिन उनकी लोकेशन नालंदा, बिहार की है। खातों से पता चला कि रकम को एटीएम के माध्यम से पश्चिम बंगाल के एटीएम से निकाला गया है। एक टीम को फौरन बिहार भेजा गया। पुलिस ने गैंग सरगना रमेश पटेल और उसके छोटे भाई आशीष को नालंदा से दबोच लिया। इसके बाद फर्जी वेबसाइट बनाने वाले हरेंद्र को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया।
पिछले डेढ़ साल से चल रहा था ठगी का धंधा…
पूछताछ में आरोपी रमेश ने बताया कि वह करीब डेढ़ साल से पतंजलि के नाम पर ठगी के धंधे में लिप्त है। उसने हरेंद्र की मदद से फर्जी वेबसाइट बनाई थी। वह देशभर के सैकड़ों लोगों से इसी तरह लाखों की ठगी कर चुके हैं। कमाल की बात यह है कि लोगों को ठगी का पता पतंजलि योग ग्राम पहुंचकर चलता था। वहां उन्हें पता चलता था कि उनकी पहले से कोई बुकिंग नहीं है। उनके साथ ठगी की गई है। फिलहाल दिल्ली पुलिस के पास इसी तरह ठगी की 15 शिकायतें पहुंची है। बाकी शिकायत कर्ताओं की तलाश की जा रही है।
20 से अधिक बनाई हुई हैं फर्जी वेबसाइट…
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपियों ने पतंजलि योग ग्राम से मिलती-जुलती 20 से अधिक वेबसाइट बनाई हुई है। जो भी आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर गूगल पर सर्च करेगा। इनकी वेबसाइट उसे जरूर दिखेगी। पुलिस ने इन वेबसाइट को ब्लाक करने के लिए नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर इसकी लिस्ट सौंप दी है। इन पर कार्रवाई की प्रक्रिया को शुरू कर दी गई है।
तीसरी कक्षा पास डॉक्टर बनकर कर रहा था बात
पुलिस की जांच में पता चला है कि गैंग सरगना रमेश पटेल महज तीसरी कक्षा पास है। उसके दिमाग में ही लोगों से ठगी करने आइडिया आया था। वह पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा समेत दूसरे राज्यों से पहले से एक्टिवेटेड सिमकार्ड और बैंक अकाउंट लेकर उनका इस्तेमाल करते थे। रमेश का छोटा भाई आशीष बीए कर रहा है, जबकि हरेंद्र एमसीए की पढ़ाई कर रहा है। पुलिस इनके खातों की पड़ताल कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों ने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है।