सहरसा। सहरसा जिले के रमेश झा महिला कॉलेज की सैकड़ों छात्राओं ने मंगलवार को सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्राओं ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन पर जानबूझकर सेमेस्टर परीक्षा में प्रमोट करने, रिजल्ट को पेंडिंग रखने और हर विषय के लिए 1,700 रुपये शुल्क लेने का आरोप लगाया। इस विरोध प्रदर्शन ने जिले में अफरा-तफरी मचा दी और मुख्य सड़क पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही।
प्रमोशन और शुल्क विवाद पर फूटा छात्राओं का गुस्सा
छात्राओं का कहना है कि कई बार आवेदन देने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि परीक्षा में प्रमोट करने और रिजल्ट पेंडिंग रखने के बाद प्रति विषय 1,700 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज (मंगलवार) रिजल्ट में सुधार का अंतिम दिन है, लेकिन कॉलेज प्रिंसिपल की गैरमौजूदगी के कारण कोई काम नहीं हो रहा है। छात्राओं ने बीएनएमयू मधेपुरा विश्वविद्यालय की वेबसाइट को लेकर भी नाराजगी जताई, जिसे अक्सर तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है।
सड़क जाम और प्रशासन की दिक्कतें
प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने कॉलेज गेट के बाहर सड़क को जाम कर दिया। सड़क जाम के चलते आवागमन बाधित हो गया। स्कूल बसों में छोटे-छोटे बच्चे भी जाम में फंसे रहे, जिससे उनके अभिभावकों में चिंता बढ़ी। जाम की वजह से मुख्य मार्ग पर वाहनों का लंबा काफिला लग गया, जिससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों को परेशानी हुई।
प्रशासन के सामने अड़ीं छात्राएं
जाम की सूचना मिलते ही सदर थाना की सब-इंस्पेक्टर खुशबू कुमारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की। सब-इंस्पेक्टर ने छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्राओं ने अपनी मांगों पर अड़े रहने का निर्णय लिया। छात्राओं का कहना था कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वे सड़क से नहीं हटेंगी।
डीएसपी को भी झेलना पड़ा आक्रोश
जाम के दौरान ट्रैफिक डीएसपी प्रवीण कुमार भी वहां से गुजर रहे थे। जैसे ही छात्राओं ने डीएसपी की गाड़ी देखी, उन्होंने उसे घेर लिया और सड़क पर बैठ गईं। हालात बिगड़ते देख डीएसपी को अपनी गाड़ी वापस मोड़नी पड़ी।
स्थिति सामान्य करने की कोशिश जारी
प्रदर्शन के कारण कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय पर दबाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन मामले को सुलझाने और जाम को हटाने की कोशिश में जुटा हुआ है। प्रदर्शनकारी छात्राओं का कहना है कि जब तक उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया जाता, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।