नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नया आदेश दिया है. यह आदेश बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुड़े करोड़ों ग्राहकों के लिए है. वित्त मंत्री की तरफ से दिए गए आदेश में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उनके सभी ग्राहक अपने उत्तराधिकारी को नामित करें. इससे बिना दावा की धन राशि को कम करने में मदद मिल सकेगी. वित्त मंत्री का यह आदेश आरबीआई की तरफ से पिछले दिनों उठाए गए उस कदम के बाद आया है जब केंद्रीय बैंक ने बैंकों में लावारिस पड़े हजारों करोड़ रुपये की राशि की पहचान के लिए पोर्टल लॉन्च किया था.
उत्तराधिकारी का नाम लिखकर पता भी दें
सीतारमण ने यहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (Global Fintech Fest, GFF) में कहा, ‘मैं चाहती हूं कि बैंकिंग सिस्टम, वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र (Financial Ecosystem) म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट हर कोई यह ध्यान रखे कि जब कोई ग्राहक पैसे का लेनदेन करता है तो संगठनों को भविष्य के बारे में सोचना होगा और यह तय करना होगा कि वे (ग्राहक) अपने उत्तराधिकारी को नामित करें, उनका नाम और पता दें.
35,000 करोड़ की राशि का दावेदार नहीं
एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सिस्टम में 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऐसी धनराशि है, जिस पर किसी का दावा नहीं है. जबकि ऐसा कुल धन करीब एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है. सीतारमण ने यह भी कहा कि ‘टैक्स हैवेन’ देश (Tax Haven Country) और पैसे की ‘राउंड ट्रिपिंग’ जिम्मेदार वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा है. इस पैसे को ग्राहकों और उनके उत्तराधिकारी तक सुरक्षित तरीके से वापस पहुंचाने के लिए आरबीआई ने उद्गम पोर्टल (UDGAM) भी लॉन्च किया था.
इस पोर्टल लॉन्च करने का मकसद बैंकों में लंबे समय से जमा अनक्लेम्ड पैसे का पता लगाना था. जनता की सहूलियत के लिये शुरू किये गए पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग बैंकों में जमा लावारिस राशि को ढूंढने में आसानी होगी. आरबीआई की तरफ से पिछले दिनों शुरू किये गए पोर्टल पर एसबीआई (SBI), पीएनबी (PNB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India), धनलक्ष्मी बैंक (Dhanlaxmi Bank Ltd), साउथ इंडियन बैंक (South Indian Bank Ltd), डीबीएस बैंक इंडिया (DBS Bank India Ltd) और सिटी बैंक (Citi Bank) में बिना दावे वाली जमा के बारे में जानकारी उपलब्ध है.