उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से की गई अवैध भर्ती को लेकर शहरी विकास और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पहले ही निशाने पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले दिनों विधानसभा में हुई भर्तियों पर प्रेमचंद अग्रवाल की जवाबदेही को लेकर सवाल उठाए थे। तभी से राज्य में सियासी हलचल मची हुई है। यह पूरा मामला दिल्ली हाईकमान तक भी पहुंच चुका है।
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने दिल्ली पहुंचकर पूरे मामले की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी हैं। दूसरी ओर विधानसभा में बैकडोर से भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सख्त तेवर अपनाए हुए हैं।
वहीं इन भर्तियों को लेकर सीएम धामी प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर अंदरूनी नाराजगी की भी चर्चा थी। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री की नाराजगी बाहर नहीं आई थी। लेकिन अब शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अचानक लिए गए फैसले के बाद मुख्यमंत्री धामी की नाराजगी खुलकर बाहर आ गई है।
प्रेमचंद अग्रवाल को रविवार सुबह प्रशासनिक अफसरों के साथ जर्मनी जाना था। इसी को लेकर शनिवार रात में मंत्री अग्रवाल ने आनन-फानन में मीटिंग बुलाई और शहरी विकास विभाग के 74 अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी कर दिए।
ट्रांसफर के आदेश जारी करते हुए शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल राज्य के प्रशासनिक अफसरों के साथ जर्मनी दौरे के लिए रवाना हो गए। प्रेमचंद अग्रवाल के अचानक किए गए ट्रांसफर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नागवार गुजरा। रात में अचानक किए गए ट्रांसफर को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने नाराजगी जताई ।
उन्होंने मंत्री प्रेमचंद्र के आदेशों के बाद तुरंत इन तबादलों को रोक दिया। बता दें कि उत्तराखंड और जर्मनी के बीच ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारियों को साझा करने के लिए शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विभागीय उच्चाधिकारियों के साथ जर्मनी दौरे पर रवाना हुए हैं।
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के साथ अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे, अपर निदेशक अशोक कुमार पांडे, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार दयानंद सरस्वती, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश राहुल गोयल भी जर्मनी गए हैं। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर पहले ही सवालों के घेरे में हैं। अब अचानक लिए गए ट्रांसफर को लेकर उनकी मुश्किलें और बढ़ती हुई नजर आ रही है।
जर्मनी से लौटने के बाद प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर हाईकमान कोई बड़ा फैसला कर सकता है।