नई दिल्ली : केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है. साल 2019 में सरकार की तरफ से इसी के लिए पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की घोषणा की गई थी. इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री किसान फसल योजना और उर्वरक पर सब्सिडी आदि देना शुरू किया. इन सभी योजनाओं से किसानों को काफी मदद मिल रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों किसानों की इनकम बढ़ाने के मकसद से पीएसयू बैंकों को एक और निर्देश दिया.
पब्लिक सेक्टर के सीईओ से की बातचीत
निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारकों को आसानी से कर्ज देने के लिए कहा है. एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों से बातचीत में कहा कि तकनीक को उन्नत बनाने में रीजनल रूरल बैंकों (Regional Rural Banks) की मदद करना जरूरी है.
किसान क्रेडिट कार्ड पर हुई चर्चा
वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करने पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा, दूसरे सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर फैसला किया गया कि प्रायोजक बैंकों को डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सुधार में मदद करनी चाहिए.’ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में अहम भूमिका है. इसके प्रायोजक बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और राज्य सरकारें हैं.
देश में कुल 43 आरआरबी
देश में फिलहाल कुल 43 आरआरबी हैं. इनमें से एक-तिहाई, विशेषकर पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों के आरआरबी घाटे में चल रहे हैं और इन्हें 9 प्रतिशत की नियामकीय पूंजी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोष की जरूरत है. इन बैंकों का गठन आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत हुआ है और इनका मकसद छोटे किसानों, कृषि क्षेत्र के कामगारों और ग्रामीण इलाकों के कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.