रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने लगभग ₹6,000 करोड़ मूल्य के महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप घोटाले में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने यह केस दर्ज कराया है. यह केस धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वास का उल्लंघन और जालसाजी से जुड़ी आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया गया है. सूत्रों के मानें तो FIR में भूपेश बघेल के अलावा केस से जुड़े 21 आरोपियों के नाम शामिल हैं.
ED की जांच में पता चला है कि कथित तौर पर “संरक्षण धन” के बदले में महादेव की अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों की भागीदारी थी. इससे पहले बुधवार को महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया कि शेयर बाजार में लगभग ₹1,100 करोड़ का निवेश करने के लिए कई डमी खातों और फर्जी बैंक संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा था. जांच पूरी होने तक ईडी इन शेयरों को फ्रीज रखेगी.
बघेल ने किया था आरोपों से खंडन
ईडी ने पहले दावा किया था कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को लगभग ₹508 करोड़ का भुगतान किया था. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लगाए गए इन आरोपों का भूपेश बघेल ने खंडन किया और इसे उनकी छवी खराने करने के लिए साजिश बताया. कांग्रेस पार्टी ने आरोपों की निंदा करते हुए इसे केंद्र सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध बताया.
कई दिनों से चल रही जांच
छत्तीसगढ़ के फेमस महादेव सट्टा ऐप मामले में कई दिनों चल रही है. इसमें लगातार कुछ न कुछ नए खुलासे भी हो रहे हैं. 4 मार्च को महादेव सट्टा ऐप को लेकर गोवा में भी तलाशी ली गई थी. यहां पर एक बड़े प्रमुख पैनल संचालक को खोजने की कोशिश की गई थी. जांच में 29 फरवरी 2024 तक भारतीय और विदेशी कंपनियों का कुल स्टॉक पोर्टफोलियो 1190 करोड़ के करीब पाया गया है. ईडी की पूछताछ में कोलकाता से गिरफ्तार सूरज चोखानी और भोपाल से गिरफ्तार गिरीश तलरेजा ने कई अहम खुलासे किए हैं.